तेजस्वी यादव का बिहार सरकार पर जोरदार हमला, नीतीश कुमार पर लगाया ये गंभीर आरोप

Crime in Bihar : तेजस्वी यादव ने कहा है कि शीर्षस्थ अधिकारियों की अनुपस्थिति दर्शाती है कि विधि व्यवस्था पर मुख्यमंत्री जी कितने गंभीर है. एनडीए सरकार अपराधियों को संरक्षित एवं संपोषित कर बिहारवासियों की जान के साथ खेल रही है

By Ashish Jha | September 22, 2024 1:03 PM

Crime in Bihar : पटना. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर सरकार पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कई गंभीर आरोप लगाये हैं. दरअसल शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने क्राइम कंट्रोल को लेकर सीएम आवास में हाई लेबल मीटिंग बुलाई थी. इस क्राइम कंट्रोल के लेकर हुई इस हाई लेबल मीटिंग में न तो मुख्य सचिव मौजूद थे, ना डीजीपी और ना ही एडीजी ही शामिल हुए. इसको लेकर अब विपक्ष सवाल उठा रहा है. विपक्ष ऐसी बैठकों को खानापूर्ति बता रहा है. विपक्ष का आरोप है कि सरकार आम लोगों की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है.

बैठक को लेकर उठ रहे गंभीर सवाल

बिहार में हर दिन हो रही हत्या, लूट और रेप जैसी घटनाओं को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर बना हुआ है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक्स पर मुख्यमंत्री की बैठक का फोटो शेयर करते हुए हमला बोला है. तेजस्वी यादव का कहना है कि सिर्फ खानापूर्ति करने से कुछ हासिल नहीं होने वाला है. क्राइम कंट्रोल को लेकर मुख्यमंत्री बैठक करें और उस बैठक में मुख्य सचिव, डीजीपी और एडीजी मौजूद न रहे तो ऐसी बैठक का कोई औचित्य नहीं बनता है. बैठक में मुख्य सचिव, डीजीपी और एडीजी के शामिल नहीं होने पर तेजस्वी यादव ने सवाल उठाया है. तेजस्वी यादव ने कहा है कि एनडीए की सरकार बिहार के लोगों की जान के साथ खेल रही है.

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हर बैठक के बाद होती है अपराध में बढ़ोतरी

तेजस्वी ने एक्स पर लिखा, “कानून व्यवस्था पर मुख्यमंत्री हर बार उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक करने की सिर्फ औपचारिकता पूरी करते है. नीतीश जी का इक़बाल यह है कि प्रदेश में ऐसी प्रत्येक समीक्षा बैठक के बाद अपराध में और अधिक वृद्धि होती है, क्योंकि अधिकारी एवं अपराधी भी ऐसी आडंबरपूर्ण बैठकों की असलियत जानते है. अधिकारी भी जानते है कि जब विपक्ष का दबाव बढ़ता है तो दिखावे व फ़ॉर्मलिटी के लिए मुख्यमंत्री अचानक ऐसी बैठक बुला लेते है”. उन्होंने आगे लिखा, “ऐसी समीक्षा बैठक का क्या फायदा और औचित्य जिसमें राज्य के डीजीपी, मुख्य सचिव और एडीजी भी उपस्थित ना रहे. शीर्षस्थ अधिकारियों की अनुपस्थिति दर्शाती है कि विधि व्यवस्था पर मुख्यमंत्री जी कितने गंभीर है. एनडीए सरकार अपराधियों को संरक्षित एवं संपोषित कर बिहारवासियों की जान के साथ खेल रही है”.

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