पटना. साइबर अपराधियों के नये-नये कारनामे प्रतिदिन सामने आ रहे हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें साइबर अपराधियों ने बेगूसराय निवासी छात्र अवधेश कुमार को 14 हजार मासिक पर वर्क फ्रॉम होम की नौकरी देने का झांसा दिया. फिर उनसे बैंक खाता, आधार कार्ड, पैन कार्ड की छायाप्रति ले ली. इसका इस्तेमाल कर अपराधियों ने अवधेश के नाम पर आरबीएल बैंक में खाता भी खोल दिया.
उस खाते में उन्होंने अपना मोबाइल नंबर दे दिया और पासबुक और एटीएम कार्ड अपने पास रख लिया. साथ ही जिस खाता की छायाप्रति उन लोगों ने ली, उसमें से रकम भी निकालने की कोशिश की. रकम निकालने के लिए ओटीपी गया, तो उसे भी अवधेश से पूछ लिया गया, लेकिन गनीमत यह थी कि उक्त खाते में रकम ही नहीं थी.
साइबर अपराधियों ने उस खाते को इसलिए खुलवाया, ताकि उसमें जालसाजी की रकम को भेज कर एटीएम कार्ड से निकाला जा सके. ऐसे में अगर पुलिस उस खाते की खोजबीन करेगी, तो भी वे लोग नहीं फंसेंगे. लेकिन खाता खोलने के दौरान साइबर अपराधियों ने अवधेश कुमार के मेल की जानकारी दे दी.
इसके कारण खाता खुलने की जानकारी अवधेश के मेल पर आ गयी. वह तुरंत मंगलवार को गांधी मैदान स्थित आरबीएल बैंक पहुंचा और जानकारी दी. उसने खाता को बंद कराने का भी अनुरोध किया. वह गांधी मैदान थाना गया और वहां भी शिकायत की. अवधेश कुमार ने बताया कि उसके खाता को नहीं बंद किया गया है.
साइबर अपराधियों की पैसे उड़ाने की योजना पूरी तरह सुरक्षित रहती है. वे किराये पर खाता को लेकर भी रखते हैं. उस खाते में ही सारी रकम को स्थानांतरित करने के बाद एटीएम कार्ड से रुपयों की निकासी कर लेते हैं. कंकड़बाग इलाके में अरुणाचल पुलिस ने ऐसे ही एक शख्स को पकड़ा था. फ्रॉड से आने वाली रकम का 10 फीसदी साइबर अपराधियों से मिलता था.