बिहार में अचानक मरने लगे हैं कौए, लोगों में दहशत, प्रशासन समेट रहा सैंपल
Crows Dying: स्थानीय लोगों का कहना है कि पर्यावरण प्रदूषण, ठंड या कीटनाशक दवाओं के प्रयोग से कौवे की मौत होने की आंशका है. हालांकि इस मामले को लेकर ग्रामीणों की शिकायत पर कौए के मृत अवशेष को जांच के लिए भेजा गया है.
Crows Dying: पटना. बिहार की राजधानी पटना से सटे बाढ़ के रहिमापुर और आसपास के गांवों में तीन दिनों से लगातार कौए की मौत हो रही है. अब तक 40 से अधिक कौए की मौत हो चुकी है. इतनी बड़ी संख्या में अचानक हो रही कौए की मौत से ग्रामीणों में हड़कंप मच गया है. अनहोनी की आशंका से ग्रामीण सहमे हुए हैं. अचानक हो रही कौए की मौत की पुष्टि करते हुए पटना जिले के पशुपालन पदाधिकारी ने कहा है कि इसकी जांच की जा रही है. बाढ़ में 25 कौए की मौत हुई है. जिसे हमलोगों ने सुरक्षित रखा है. उसके सैंपल को जांच के लिए भेजा जाएगा, तभी मौत का कारण पता चल पाएगा.
अब तक 50 कौए की मौत की सूचना
अचानक हो रही कौए की मौत पर ग्रामीणों का कहना है कि पिछले तीन दिनों से कौए की मौत हो रही है. कौए अचानक जमीन पर गिरकर छटपटाने लगते हैं. दो-तीन घंटे के बाद बीमार कौए दम तोड़ देते हैं. अधिकतर ग्रामीणों का कहना है कि अब तक गांव में 40 से 50 कौवों की मौत होने चुकी है. इस बाबत कई स्थानीय लोगों का कहना है कि पर्यावरण प्रदूषण, ठंड या कीटनाशक दवाओं के प्रयोग से कौवे की मौत होने की आंशका है. हालांकि इस मामले को लेकर ग्रामीणों की शिकायत पर कौए के मृत अवशेष को जांच के लिए भेजा गया है.
बर्ड फ्लू जैसी स्थिति से किया इनकार
ग्रामीणों ने वन, पर्यावरण तथा पशुपालन विभाग को भी सूचना दी है. इधर बच्चों को इन मृत कौए से दूर रखा जा रहा है. पटना जिला के पशुपालन पदाधिकारी, डॉ अरुण कुमार ने कहा कि बर्ड फ्लू जैसी कोई घटना नहीं लग रही है. पता चला कि दियारा इलाके अचुआरा में किसान फसल को बचाने के लिए खेत में रसायन का छिड़काव किए हैं. कौए झुंड में गए हों जिससे मौत हुई हो. हालांकि, जबतक जांच रिपोर्ट नहीं आ जाती, तबतक कुछ स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है.
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