कैंपस : सीयूइटी यूजी: बायोलॉजी, फिजिक्स, अंग्रेजी, मनोविज्ञान, इकोनॉमिक्स, कानूनी विषय के आंसर-की में आधे से अधिक आंसर गलत

कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूइटी) यूजी 2024 की आंसर-की जारी होने के बाद से हंगामा मचा हुआ है. स्टूडेंट्स ने आंसर-की में कई त्रुटियां पायी हैं

By Prabhat Khabar News Desk | July 9, 2024 7:00 PM

– आपत्ति दर्ज करने में स्टूडेंट्स परेशान

-अलग-अलग विषयों में 34 से 36 प्रश्नों पर आपत्ति दर्ज करवा रहे हैं स्टूडेंट्स

संवाददाता, पटना

कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूइटी) यूजी 2024 की आंसर-की जारी होने के बाद से हंगामा मचा हुआ है. स्टूडेंट्स ने आंसर-की में कई त्रुटियां पायी हैं. स्टूडेंट्स ने कहा कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने सात जुलाई को सीयूइटी यूजी की आंसर-की जारी की थी. इनमें कई विषयों की आंसर-की में आधे से अधिक प्रश्नों के आंसर गलत हैं. इसमें बायोलॉजी, फिजिक्स, अंग्रेजी, मनोविज्ञान, इकोनॉमिक्स, कानूनी अध्ययन के सवालों में सबसे अधिक त्रुटियां पायी गयी हैं. इस सभी विषयों के स्टूडेंट्स परेशान हैं. अलग-अलग विषयों पर आपत्ति के लिए स्टूडेंट्स को छह से आठ हजार रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं. स्टूडेंट्स परेशान हैं कि एक-एक पेपर में 35 से 36 आंसर गलत होंगे, तो वे कितने प्रश्नों की आंसर-की पर आपत्ति दर्ज करायेंगे. क्योंकि एक प्रश्न पर आपत्ति दर्ज करने के लिए 200 रुपये देने पड़ रहे हैं. पटना के हर्षित ने बताया कि फिजिक्स के आधे से अधिक प्रश्नों का आंसर गलत दिया गया है. इस पर आपत्ति दर्ज करायी गयी है. पटना के अभिभावक रंजीत कुमार ने मनोविज्ञान विषय के 34 प्रश्नों के लिए 6800 रुपये की फीस दी है. वहीं, पटना के कई शिक्षकों का कहना है कि मास मीडिया समेत अन्य कंप्यूटर आधारित परीक्षा के भी 35 से 36 प्रश्न के आंसर गलत हैं. फिजिक्स और केमिस्ट्री में हटाये गये चैप्टर से भी प्रश्न पूछे गये हैं. मुजफ्फरपुर के प्रवीण ने प्रोविजनल आंसर-की की जांच करने के बाद दावा किया कि 80 प्रतिशत आंसर गलत हैं. मैंने अपनी भूगोल की ओएमआर शीट को सीयूइटी यूजी आंसर-की के साथ जांची, तो मैं हैरान रह गया, क्योंकि 80 प्रतिशत आंसर-की गलत थे. सताक्षी ने कहा कि एनटीए की गलती के लिए स्टूडेंट्स हजारों रुपये क्यों देगा. सीयूइटी आवेदन फॉर्म से कहीं ज्यादा शुल्क आपत्ति में खर्च करना पड़ रहा है.

इस तरह की गड़बड़ी

लीगल स्टडीज पेपर में एक प्रश्न पूछा गया है कि भोपाल गैस त्रासदी के मद्देनजर भारत सरकार ने संविधान के किस अनुच्छेद के तहत 1986 का पर्यावरण संरक्षण अधिनियम लागू किया था. एनसीइआरटी पुस्तकों के अनुसार सही उत्तर 253 (प्रश्न पत्र का विकल्प चार) होगा. हालांकि आंसर-की के अनुसार सही विकल्प अनुच्छेद 38 (प्रश्न पत्र पर विकल्प 2) है. इसी तरह कंप्यूटर साइंस पेपर में एआरपीएएनइटी के पूर्ण रूप का उत्तर, जो किताबों के अनुसार एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी नेटवर्क है, जो आंसर-की में स्वचालित रिसर्च प्रैक्टिकल एप्लिकेशन नेटवर्क के रूप में चिह्नित किया गया है.

विशेषज्ञ करेंगे जांच

एनटीए ने कहा है कि सीयूइटी यूजी 2024 को लेकर कुछ छात्रों ने आपत्ति दर्ज की है. जिन स्टूडेंट्स ने 30 जून तक एनटीए को अपनी आपत्ति भेजी है, उनकी कमेटी जांच कर रही है. कमेटी जांच में जिन स्टूडेंट्स या सेंटर की दिक्कत सही निकलेगी, उनको 15 से 19 जुलाई के बीच दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलेगा. वहीं, आंसर की पर आपत्ति दर्ज की जा रही है. आपत्ति दर्ज कराने के लिए ही प्रोविजनल आंसर-की जारी की जाती है. मिली आपत्ति पर विशेषज्ञ जांच करेंगे. जांच के बाद फाइनल आंसर-की जारी की जायेगी. सही आपत्ति पाये जाने पर स्टूडेंट्स का शुल्क वापस कर दिया जायेगा.

अलग-अलग विषयों के लिए 35 हजार से अधिक आपत्तियां दर्ज की गयी है:

गौरतलब है कि एनटीए ने सात जुलाई को सीयूइटी यूजी की आंसर-की जारी की थी. प्रोविजनल आंसर-की पर नौ जुलाई शाम पांच बजे तक आपत्ति मांगी गयी थी. प्रत्येक प्रश्न पर आपत्ति दर्ज करने के लिए 200 रुपये का शुल्क परीक्षार्थियों को देना था. अलग-अलग विषयों के लिए इस पर एनटीए के पास 55 हजार से अधिक आपत्तियां दर्ज की गयी हैं. इस वर्ष 261 केंद्रीय, राज्य, डीम्ड और निजी विश्वविद्यालयों में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए सीयूइटी यूजी के लिए 13.4 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया था.

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