26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कोरोना इलाज के नाम पर बैंक खाता खाली कर रहे साइबर अपराधी, सुरक्षा सेल ने जारी की चेतावनी

पटना: साइबर अपराधी इन दिनों कोरोना का डर दिखाकर लोगों के बैंक खातों को अपना निशाना बना रहे हैं. साइबर हैकर मुफ्त में कोरोना जांच कराने को फर्जी तरीके से डब्ल्यूएचओ व सरकारी इ-मेल भेज रहे हैं. इ-मेल के माध्यम से एक लिंक भेजा जा रहा है. लिंक पर क्लिक करते ही कुछ देर बाद लोग ठगी के शिकार हो रहे हैं. इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग व पुलिस विभाग की साइबर सुरक्षा सेल ने अलर्ट रहते हुए सभी को चेतावनी जारी की है.

पटना: साइबर अपराधी इन दिनों कोरोना का डर दिखाकर लोगों के बैंक खातों को अपना निशाना बना रहे हैं. साइबर हैकर मुफ्त में कोरोना जांच कराने को फर्जी तरीके से डब्ल्यूएचओ व सरकारी इ-मेल भेज रहे हैं. इ-मेल के माध्यम से एक लिंक भेजा जा रहा है. लिंक पर क्लिक करते ही कुछ देर बाद लोग ठगी के शिकार हो रहे हैं. इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग व पुलिस विभाग की साइबर सुरक्षा सेल ने अलर्ट रहते हुए सभी को चेतावनी जारी की है.

रजिस्ट्रेशन चार्ज के नाम पर 10 रुपये कराते हैं ट्रांजेक्शन

मेल या लिंक पर क्लिक करते ही यूजर को किसी फर्जी वेबसाइट पर ले जाया जाता है, जिसके बाद रजिस्ट्रेशन चार्ज के नाम पर 10 या 20 रुपये तक ट्रांजेक्शन कराने को कहा जाता है. ठग की ओर से क्यूआर कोड यूजर के वाट्सएप नंबर पर भेजा जाता है. यूजर उस कोड को खोलता है, जिसके बाद यूजर के सभी जरूरत के दस्तावेज हैक हो जाता है और ठग आसानी से अकाउंट से रकम पार कर लेते हैं.

लिंक पर क्लिक करते ही खाते से गायब हो गये रुपये

कंकड़बाग स्थित हनुमान नगर निवासी कमलेश कुमार पेशे से एक निजी प्राइवेट कंपनी में मार्केटिंग मैनेजर हैं. अगस्त माह में उनके मोबाइल पर एक अनजान लिंक का मैसेज आया, जिसमें डब्लयूएचओ का हवाला देते हुए मुफ्त में कोरोना जांच की बात कही गयी. लिंक खोलते ही मोबाइल नंबर दिया था, जिस पर पीड़ित ने फोन किया. फोन करने के बाद ठग ने मुफ्त में कोरोना जांच का झांसा देते हुए उनके घर पर जांच टीम भेजने की बात कही. इसके लिए उसने 20 रुपये का ट्रांजेक्शन करने को कहा. कमलेश ने जैसे ही पीएटीएम के माध्यम से ट्रांजेक्शन किया, उनके खाते से 16 हजार साफ हो गये. इसी तरह बुद्धा कॉलोनी स्थित एकेनगर निवासी 34 वर्षीय जयपाल नाम के एक प्राइवेट इंजीनियर ने अनजान लिंक पर अपना नाम व मोबाइल नंबर डाला, तो उसके खाते से करीब 52 हजार साफ हो गये़

Also Read: COVID-19 Bihar : कोरोना को हराने में बिहार सबसे आगे, राज्य का रिकवरी रेट बढ़कर हुआ 88.24 प्रतिशत
सावधानियां जो रखनी चाहिए

– स्वास्थ्य विभाग कभी भी कोरोना की जांच इ-मेल के माध्यम से नहीं करती है, इसलिए इस तरह के किसी भी इ-मेल पर व्यक्तिगत जानकारी देने से बचे

– एसएमएस व इ-मेल पर आये लिंक या किसी अज्ञात स्रोत से आये अटैचमेंट खोलने से पहले ध्यान दें. इसमें वायरस का खतरा हो सकता है

– किसी भी बैंक के नाम से आने वाली फोन कॉल, मैसेज या इ-मेल पर भरोसा न करें, अपने खाते की जानकारी किसी से साझा न करें

– मोबाइल फोन पर सार्वजनिक वाइफाइ नेटवर्क का इस्तेमाल करने से बचें.

क्या कहते हैं आइजी रेंज

मुफ्त में कोरोना जांच व पीएम केयर फंड के नाम पर फर्जी लिंक बनाकर जालसाजी करने का मामला सामने आ रहा है़ इसको देखते हुए पुलिस विभाग ने सभी बैंक, स्वास्थ्य विभाग समेत सभी थानेदारों को अलर्ट रखते हुए लोगों को जागरूक करने को कहा है. ताकि, कोरोना के नाम पर हो रही ठगी से लोग बच सके़

संजय सिंह, रेंज आइजी, पटना

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें