पटना. साइबर बदमाशों ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रशांत प्रभाकर के आधार कार्ड, पैन कार्ड व बैंक एकाउंट नंबर का उपयोग कर तीन बाइक को किस्त पर फाइनांस करा लिया. इंजीनियर को इस बात की उस समय जानकारी मिली जब फाइनांस करने वाली कंपनी से लगातार किस्त जमा करने के लिए फोन आने लगा. उन्होंने कंपनी को बताया कि उन्होंने कोई बाइक नहीं ली है.
इसके बाद जब मामले की जांच की गयी तो यह पता चला कि साइबर बदमाशों ने उनके आधार कार्ड और पैन कार्ड पर स्कैन कर अपना फोटो लगा दिया था और उनका बैंक एकाउंट नंबर दे दिया था. इसके बाद सांठ-गांठ कर तीन बाइक को दिल्ली के बुरारी में स्थित टीवीएस बाइक के शोरूम से किस्त पर ले लिया था.
इस संबंध में प्रशांत प्रभाकर ने साइबर क्राइम सेल को शिकायत की है. जिसमें उन्होंने यह जानकारी दी है कि उनके दस्तावेजों का इस्तेमाल कर किस्त पर तीन बाइक ले लिया गया है. साइबर क्राइम सेल भी मामले की जांच में जुटा है. प्रशांत प्रभाकर मूल रूप से समस्तीपुर के रहने वाले हैं, लेकिन पटना के राजीव नगर इलाके में अपने पूरे परिवार के साथ रहते हैं.
जांच में यह भी जानकारी मिली है कि जिस बाइक को साइबर बदमाशों ने किस्त पर लिया है, वह रोहिणी के परिवहन विभाग में रजिस्टर्ड है. एम परिवहन एप पर भी उस बाइक के ऑनर का नाम प्रशांत प्रभाकर है. और इंश्योरेंस व अन्य कागजात भी अपडेट है.
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इस मामले में यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि इंजीनियर प्रशांत प्रभाकर के आधार कार्ड, पैन कार्ड व बैंक एकाउंट का डिटेल कहां से मिल गया, जिसका इस्तेमाल कर साइबर बदमाशों ने घटना को अंजाम दे दिया. हालांकि यह भी माना जा रहा है कि हर सरकारी कार्य में अब आधार कार्ड का ही उपयोग किया जाता है.