विजय सिंह, पटना: राजधानी में एटीएम कार्ड क्लोनिंग की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं. एटीएम कार्ड से ट्रांजेक्शन करने के कुछ देर बाद खाते से पैसे निकल जाते हैं. बैंक में छानबीन करने पर पता चलता है कि पटना के खाताधारक का पैसा लखनऊ, रांची, समेत अन्य जगहों से एटीएम से निकाला गया है. अब दो शहरों के बीच यह मामला लटक जाता है. कुछ लोग छोटी रकम रहने पर मामला दर्ज नहीं कराते हैं, लेकिन बड़ी रकम निकलने पर केस दर्ज होता है. लेकिन साइबर सेल पैसा वापस नहीं करा पाता. यहां बता दें कि बिहार के 38 जिलों में साइबर सेल की 76 यूनिट हैं, फिर भी केस हल नहीं हो पा रहा है.
एटीएम क्लोनिंग करने वाले साइबर अपराधी पेंशनधारियों के भी एकाउंट को खाली कर दे रहे हैं. जिन बुजुर्गों की दाल रोटी पेंशन पर निर्भर हैं, उनके खाते को भी नहीं छोड़ते. अभी हाल में पेंशन पाने वाले कौशल दास के खाते से तीन बार 23 हजार 500 रुपये तीन बार में निकाले गये. इस मामले में एयरपोर्ट थाने में केस दर्ज है, लेकिन जांच आगे नहीं बढ़ रही है. बैंक भी अपने ग्राहकों को एटीएम फ्रॉड को लेकर सचेत करते रहते हैं. वहीं, अगर एटीएम ट्रांजेक्शन के समय कुछ छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखें तो फ्रॉड से बच सकते हैं.
– समय-समय पर अपने पिन को बदलते रहें.
– पिन को डालते समय एटीएम या पीओएस कीपैड को कवर कर लें.
– अपने पिन को याद कर लें. अपने एटीएम कार्ड या किसी भी दूसरी जगह इसे लिखने से बचें.
– अपनी जन्मतिथि या सालगिरह की तारीख को पिन के तौर पर कभी भी इस्तेमाल न करें.
– किसी भी व्यक्ति के साथ अपने ओटीपी, डेबिट कार्ड, पिन या डिटेल को कभी भी शेयर नहीं करें.
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वर्ष केस
2014- 84
2015- 187
2016- 167
2017-150
2018- 141
2019- 93
2020- 56 अब तक
– 105 एटीएम ठगी
– 62 फेसबुक से ठगी
– 12 इमेल से ठगी
– 08 वाट्सएप से ठगी
– 05 वेबसाइट से ठगी
Posted By: Thakur Shaktilochan Shandilya