पटना में साइबर अपराधियों ने कई लोगों के खाताें को किराये पर ले रखा है और उसके एवज में खाता धारकों को मूल जमाराशि का 10% कमीशन देते हैं. अगर पुलिस पकड़ने की कोशिश करती है, तो साइबर अपराधी आसानी से बच निकलते हैं और खाता धारक पकड़े जाते हैं. इसका खुलासा उस समय हुआ, जब पत्रकार नगर थाने की पुलिस ने साइबर अपराधी प्रशांत कुमार (जहानाबाद, हुलासगंज, सुरजपुर) व संतोष कुमार (नालंदा, मानपुर, परोहा) को गिरफ्तार किया. इसके पास से 20 हजार रुपये, बैंक में पैसा जमा करने वाली पर्ची और अलग-अलग बैंकों के आठ एटीएम कार्ड बरामद किये गये हैं.
पकड़े गए ये एटीएम कार्ड दूसरे लोगों के नाम पर थे और इसके मालिक अधिकतर गरीब व मजदूर तबके के लोग हैं. गिरोह का सरगना मनीष है, जो रांची का रहने वाला है और वहीं से वह पटना में सक्रिय अपने गिरोह को ऑपरेट करता है. वह अपने गिरोह के सदस्यों को गरीब लोगों के नाम पर खुलवाये गये खाताें के एटीएम कार्ड देता है. खास बात यह है कि पकड़े गये साइबर अपराधी 19 व 21 वर्ष के हैं और दोनों ही छात्र हैं. साइबर अपराधी बेरोजगार छात्रों को कम समय में धन कमाने का सपना दिखा कर धंधे से जोड़ रहे हैं.
जानकारी के अनुसार, प्रशांत व संतोष कुमार बाइक से घूम-घूम कर साइबर अपराध के पैसों को एटीएम कार्ड से निकाल रहे थे. इसी बीच पत्रकार नगर थानाध्यक्ष मनोरंजन भारती ने इन दोनों को जलेश्वर मंदिर के पास पकड़ लिया. इन दोनों ने पुलिस को बताया कि ये लोग अपना हिस्सा रख कर सरगना मनीष के अलग-अलग खातों में बाकी रकम डाल देते हैं.
साइबर अपराधी गरीबों के एटीएम कार्ड व चेकबुक को खातों में आने वाली कुल रकम का 10% कमीशन देने का प्रलोभन देकर ले लेते हैं. साथ ही यह बताते हैं कि उनके खातों में बिजनेस का पैसा आयेगा. उसे आपको नहीं निकालना है, बल्कि वे लोग एटीएम कार्ड से निकालेंगे. इसके अलावा कई लोगों से एकमुश्त 10 से 20 हजार रुपये देकर खाता ही खरीद लेते हैं.
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खाता व मोबाइल फोन हैक करके रुपयों की निकासी
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आइएएस, आइपीएस व अन्य अधिकारियों के नाम पर फर्जी फेसबुक एकाउंट बना कर मदद के नाम पर ठगी
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फेसबुक व वाट्सएप के माध्यम से दोस्ती कर ऑनलाइन सेक्स का झांसा देकर नग्न तस्वीर की स्क्रीनशॉट निकाल शेयर करने की धमकी देकर ब्लैकमेलिंग
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इनाम या सामान सस्ता में देने का दावा या बकाया रकम की वापसी के लिए लिंक को भेजना और लिंक को क्लिक करते ही खाते से निकासी
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एनीडेस्क एप के मदद से किसी के कंप्यूटर या मोबाइल में प्रवेश कर जाना और खाते से रुपये निकालना
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बैंक अधिकारी बन कर केवाइसी करने के नाम पर और एटीएम को अपडेट करने के नाम पर ठगी