पटना के साइबर बदमाश इतने शातिर हैं कि पूरे देश की पुलिस को परेशान कर रखा है. इनका नेटवर्क इस तरह का है कि गिरोह के सरगना पकड़े भी नहीं जाते हैं, क्योंकि एक साइबर क्राइम के तार दो-तीन राज्यों से जुड़े होते हैं. इसका खुलासा पत्रकार नगर पुलिस द्वारा पकड़े गये साइबर बदमाश अरवल निवासी सिंटू और मिंटू व उनके पास से मिले सिम कार्ड, बैंक खाता व अन्य दस्तावेजों से हुआ है.
पकड़े गए लोगों के पास से पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, मिजोरम, दिल्ली व बिहार के पटना सहित कई जिलों से जारी सिम कार्ड बरामद किये गये हैं. जबकि महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार के पटना, मुजफ्फरपुर आदि जिलों के खाते से संबंधित कागजात मिले हैं. गिरोह इतना शातिर है कि पूरा काम इस तरह करता है, जिसमें अगर पुलिस अगर अनुसंधान भी करे, तो दो से तीन राज्यों का चक्कर लगाना पड़ जाये. अगर कोई पकड़ा भी जाता है, तो वह साइबर क्राइम करने वाले गिरोह के निचले स्तर का व्यक्ति होता है.
साइबर अपराधियों का यह गिरोह पश्चिम बंगाल के किसी व्यक्ति के नाम पर लिये गये मोबाइल नंबर से महाराष्ट्र के किसी व्यक्ति को ठगी का शिकार बनाते थे और उसके पैसे पटना में खुले खाते में डलवाते थे. इस प्रकार, महज एक साइबर क्राइम की घटना में जांच के क्रम में पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र व बिहार से तार जुड़े होते हैं. पुलिस तीनों राज्यों का चक्कर लगा भी ले, तो सरगना तक पहुंचना आसान नहीं है. इसके अलावा अगर पटना के किसी व्यक्ति को ठगी का शिकार बनाना है, तो यह गिरोह महाराष्ट्र के मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करके पश्चिम बंगाल के खाते में रकम डलवा देते थे. पकड़े गये सिंटू व मिंटू के गिरोह के इस तरह से काम किये जाने का खुलासा होने के बाद पत्रकार नगर पुलिस भी अचंभित हो गयी.
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पुलिस ने बरामद मोबाइल फोन नंबर का सीडीआर भी निकाला है और कई खातों के ट्रांजेक्शन की भी जानकारी ली है. इससे यह जानकारी मिली है कि गिरोह में दो दर्जन से अधिक सदस्य हैं. हालांकि इनमें से करीब एक दर्जन साइबर बदमाशों के नाम व पता की जानकारी पुलिस को मिल चुकी है. पुलिस इन सभी को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है. साथ ही साइबर जालसाजी के गिरोह के सरगना सूर्यभूषण व अविनाश काे पकड़ने के लिए पुलिस का प्रयास जारी है.