पटना. राज्य में साइबर अपराध अब अन्य अपराधों की तरह ही बेहद तेजी से बढ़ता जा रहा है. यह पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनती जा रही है. इस बचाव के लिए आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) के स्तर से व्यापक स्तर पर जागरूकता कैंपेन चलाये जा रहे हैं. पोस्टर जारी किये जा रहे हैं. क्योंकि जागरूकता या सजगता ही इससे बचाव का सबसे सशक्त माध्यम है. हाल के दिनों में क्यूआर कोड स्कैन करने, सस्ती दरों पर लोन दिलाने और बिजली बिल बकाया के नाम पर ठगी के मामले आजकल सामने आने लगे हैं.
पिछले एक पखवाड़ा के इनसे जुड़े करीब आधा दर्जन मामले अलग-अलग जिलों से इओयू के पास आ चुके हैं. बिजली बिल भुगतान से संबंधित ठगी करने के मामले को लेकर बिजली बोर्ड ने इओयू से मदद भी मांगी है और अपने कर्मियों को इससे जुड़ी ट्रेनिंग देने को भी कहा है. ईओयू ने इन चीजों को लेकर एडवाइजरी जारी की है.
बिजली बिल को लेकर ठगी मामले में बिजली आपूर्ति बाधित करने की धमकी देने से संबंधित एसएमएस किसी के मोबाइल पर आता है. इस तरह के एसएमएस कई लोगों के मोबाइल पर आ रहे हैं. इसमें एक मोबाइल नंबर पर संपर्क करने के लिए कहा जाता है. इसके बाद अगर किसी ने इस तरह के संदेश के झांसे में आकर उस नंबर पर कॉल किया, तो उसके साथ साइबर ठगी हो जाती है. ऐसे मामलों में पहले अपने बिजली बिल को चेक कर लें और इस तरह के नंबर पर कॉल नहीं करें.
इसके अलावा सस्ते ब्याज पर लोन देने का झांसा देकर ठगी के कई मामले आये हैं. ऐसे अनजान मैसेज पर भेजे किसी लिंक पर क्लिक करने या ऐसे मैसेज का जवाब देने से बचना चाहिए. किसी एजेंसी का नाम लेकर इस तरह का संदेश आने पर पहले उससे कंफर्म करना चाहिए. अगर लोन स्वीकृत करने से संबंधित कोई मैसेज आता है, तो उस पर विश्वास नहीं करें.
बिना किसी बैंक से संपर्क किये लोन से संबंधित किसी संदेश पर भरोसा नहीं करना चाहिए. कई स्थानों पर क्यूआर (क्विक रिस्पांस) कोड से स्कैन कर पैसे भेजने का चलन भी इन दिनों बढ़ गया है. इसके जरिये भी साइबर ठगी होने लगी है. इससे बचने के लिए किसी ऑनलाइन या किसी अपरिचित एप या अज्ञात क्यूआर कोड पर स्कैन नहीं करना चाहिए.