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Cyber Security : बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में शुरू होगी साइबर सिक्योरिटी की पढ़ाई

Cyber Security : सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में शैक्षणिक सत्र 2022-23 में ग्रेजुएशन व पोस्ट ग्रेजुएशन में साइबर सिक्योरिटी की पढ़ाई अनिवार्य होगी. ग्रेजुएशन प्रोग्राम में साइबर सिक्योरिटी का बेसिक और मिड लेवल का कोर्स पढ़ाया जायेगा, जिसमें चार क्रेडिट होंगे.

बिहार के सभी यूनिवर्सिटियों व कॉलेजों में इसी सत्र से साइबर सिक्योरिटी की पढ़ाई शुरू होगी. यह पढ़ाई अनिवार्य बनायी गयी है. इस संबंध में यूजीसी की उच्च समिति ने इसका मसौदा तैयार किया है. इसके अलावा उच्च शिक्षण संस्थानों में डिजिटल हाइजीन पर आधारित सामान्य दिशा-निर्देश दर्शाती पुस्तिका भी तैयार की गयी है. इसमें लिखा है कि सूचना प्रौद्योगिकी में आयी क्रांति और सुरक्षा से जुड़े मामलों की बढ़ती मांग को देखते हुए साइबर सुरक्षा की पढ़ाई जरूरी हो गयी है. सूचना प्रौद्योगिकी में तेजी से हो रही बढ़ोतरी ने बेहद जटिल सवाल खड़े किये हैं. इनका माकूल समाधान आज की जरूरत है. उच्च स्तरीय विषय विशेषज्ञों द्वारा तैयार पाठ्यक्रम मौजूदा वक्त में साइबर सुरक्षा से जुड़े इन्हीं मसलों पर आधारित है. इसको तैयार करने में तकनीक, उसकी प्रक्रिया और आम लोगों को केंद्र में रखा गया है.

ग्रेजुएशन व पीजी स्तर पर करानी होगी पढ़ाई

देश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में शैक्षणिक सत्र 2022-23 में ग्रेजुएशन व पोस्ट ग्रेजुएशन में साइबर सिक्योरिटी की पढ़ाई अनिवार्य होगी. ग्रेजुएशन प्रोग्राम में साइबर सिक्योरिटी का बेसिक और मिड लेवल का कोर्स पढ़ाया जायेगा, जिसमें चार क्रेडिट होंगे. पीजी प्रोग्राम में मिड और एडवांस लेवल की पढ़ाई करनी होगी, जिसके चार क्रेडिट होंगे. इसका मकसद, डिजिटल शिक्षा के दौर में छात्रों को साइबर ठगी के प्रति सावधान करना, तकनीकी ज्ञान देना और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञ तैयार करना है. इसमें साइबर सुरक्षा के लीगल, सामाजिक, आर्थिक पहलू से भी अवगत करवाया जायेगा.

पाठ्यक्रम में सभी जरूरी विषय को किया गया है शामिल

यूजी प्रोग्राम में लेक्चर, ट्यूटोरियल, प्रैक्टिकल-प्रैक्टिस के आधार पर चार क्रेडिट मिलेंगे. इसमें साइबर सुरक्षा की सामान्य जानकारी, साइबर क्राइम और कानून, सोशल मीडिया और सुरक्षा, इ-कॉमर्स और डिजिटल पेमेंट, साइबर सुरक्षा में डिजिटल उपकरण और तकनीक आदि के बारे में पढ़ाया जायेगा वहीं, पीजी प्रोग्राम में साइबर सिक्योरिटी मैनेजमेंट, डाटा प्राइवेसी और डाटा सिक्योरिटी, साइबर लॉ, साइबर क्राइम आदि के बारे में पढ़ाया जायेगा. यूजी और पीजी स्तर पर स्टूडेंट्स को साइबर स्पेस, वेब टेक्नोलॉजी, इंटरनेट सोसायटी, साइबर क्राइम, महिलाओं और बच्चों को किस प्रकार से साइबर क्राइम से खतरा, किस प्रकार के साइबर क्राइम होते हैं, भारत में साइबर सुरक्षा पर आधारित मामले, हैशटैग, सोशल मीडिया में प्राइवेसी के साथ अन्य सभी बातें बतायी जायेगी.

मनाया जायेगा साइबर जागरूकता दिवस

सभी शिक्षण संस्थानों में हर महीने के पहले बुधवार को साइबर जागरूकता दिवस मनाया जायेगा. इस संबंध में सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में साइबर जागरूकता दिवस मनाने का निर्देश दिया गया है. यूजीसी ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को चीफ इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी ऑफिसर तैनात करने का भी निर्देश दिया है. सभी संस्थानों को साइबर सुरक्षा जागरूकता पर रिपोर्ट भेजने का भी निर्देश दिया गया है. यूजीसी चेयरमैन प्रो एम जगदीश कुमार ने बताया कि डिजिटल शिक्षा के दौर में स्टूडेंट्स को साइबर ठगी के प्रति सावधान करना, तकनीकी ज्ञान देना और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञ तैयार करना है. इसमें साइबर सुरक्षा के लीगल, सामाजिक, आर्थिक पहलू से भी अवगत करवाया जायेगा.

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