कोरोना संकट के बीच झारखंड सहित पूर्वी भारत में साइक्लोन का खतरा, मौसम विभाग की चेतावनी
पश्चिमी विक्षोभ के कारण देश के कई इलाकों में पिछले दो-तीन दिनों से मौसम ने अपना मिजाज बदला हुआ है. पिछले 24 घंटों के दौरान असम के पश्चिमी जिलों में कई जगहों पर जबकि गंगीय पश्चिम बंगाल कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई.
पश्चिमी विक्षोभ के कारण देश के कई इलाकों में पिछले दो-तीन दिनों से मौसम ने अपना मिजाज बदला हुआ है. पिछले 24 घंटों के दौरान असम के पश्चिमी जिलों में कई जगहों पर जबकि गंगीय पश्चिम बंगाल कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई. इसके साथ ही पूर्वोत्तर भारत, झारखंड के कुछ हिस्सों और उत्तरी तटीय ओडिशा में भी कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर तेज़ बारिश हुई है.
मौसम का पूर्वानुमान जारी करने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट वेदर के अनुसार आने वाले अगले 3 से 4 दिनों तक पैरामीटर बदले की उम्मीद नहीं है. जिसके कारण मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, गंगीय पश्चिम बंगाल, झारखंड के कुछ हिस्सों और ओडिशा पर तेज हवाओं के साथ-साथ भारी से बहुत भारी बारिश और गरज-चमक के साथ हल्की हल्की बौछारें और ओलावृष्टि गतिविधियाँ संभावना जतायी जा रही है. बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के ऊपरी हिस्से में बने साइक्लोन सर्किल की वजह से पटना सहित राज्य के अधिकांश जिलों में अगले पांच दिनों तक तेज आंधी के साथ बारिश होने की संबावना है. वहीं, जहां बारिश नहीं होगी वहां भी बादल छाए रहेंगे.
हाल ही में मौसम के बदले रूख के कारण जैसे आंधी, ओलावृष्टि और बिजली गिरने से बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कई हिस्सों में खेत में खड़ी फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. अप्रैल और मई का महीना छोटा नागपुर की पहाड़ियों पर आंधी और गरज-चमक सक्रीय होने के कारण पश्चिम बंगाल और ओडिशा से सटे झारखंड जैसी जगहें आमतौर पर प्रभावित होती हैं, जिसे स्थानीय भाषा में काल बैशाखी के नाम से जाना जाता है.
बता दें कि गरज के साथ होने वाली बारिश के अप्रैल के अंत तक जारी रहने की उम्मीद जतायी जा रही है. ऐसी संभावना है कि मई की शुरुआत में मौसम तुलनात्मक रूप से बेहतर हो जाएगा और इन तीव्र मौसम गतिविधियों के कम होने की उम्मीद है.