पटना : चक्रवात ‘अम्फान’ सोमवार को महाचक्रवात में बदल गया है. बंगाल की खाड़ी में उठे इस चक्रवात के विकराल रूप के साथ ओड़िशा तट से टकराने का अनुमान है. इससे पश्चिम बंगाल व ओड़िशा के तटीय इलाकों में मंगलवार और बुधवार को भारी तबाही मच सकती है. बिहार में 20,21 और 22 मई को अम्फान का असर पड़ेगा. इस दौरान तेज हवा के साथ बारिश और कहीं-कहीं ठनका गिरने का पूर्वानुमान है. आइएमडी पटना के मुताबिक सीधे तौर पर बिहार इस तूफान की चपेट में नहीं आयेगा. हालांकि उसका अच्छा-खासा असर जरूर पड़ेगा.
पटना में अगले चौबीस घंटे और तेज गर्मी पड़ेगी. मंगलवार को उत्तरपूर्व बिहार पर बादल छाये रह सकते हैं. हालांकि 19 मई के बाद पूरा बिहार इसके चपेट में रहेगा. पूर्वानुमान रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को अम्फान ओड़ीशा के तटवर्ती क्षेत्र से शिफ्ट होकर बंगाल की खाड़ी और बांग्लादेश की तरफ चला गया है. इस तूफान की ताकत का असर यह है कि पुरवैया हवा बहने के बाद पूरे बिहार की हवा में मौजूद नमी की अच्छी-खासी मात्रा बंगाल की खाड़ी की और शिफ्ट हुई़ यही वजह है कि प्रदेश में जबरदस्त गर्मी पड़ी. हालांकि सुबह कुछ समय के लिए ठंडी हवा चली थी.
फिलहाल सोमवार को पटना का उच्चतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस,गया का सबसे अधिक 41 डिग्री सेल्सियस रहा. भागलपुर का उच्चतम तापमान भी सामान्य से एक डिग्री अधिक 38 डिग्री पार कर गया़ पूर्णिया 35 डिग्री से ऊपर चला गया.
बंगाल की खाड़ी में तूफान के कारण 265 किलोमीटर प्रति घंटे की गति तक से हवाएं चलेंगी: बता दें कि तबाही के मद्देनजर ओड़िशा के तटीय इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है. राज्य के जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर जिले में विशेष सतर्कता बरती जा रही है. तेज हवाओं के कारण बिजली व संचार के खंभे उखड़ सकते हैं. तैयार फसलों, खेतों-बगीचों को बड़े पैमाने पर नुकसान हो सकता है. चिंता बढ़ी : 1999 के बाद दूसरा प्रचंड चक्रवातीय तूफान एनडीआरएफ ने कहा कि अम्फान’ 1999 के बाद भारत में आने वाला यह दूसरा प्रचंड चक्रवातीय तूफान होगा.