पटना : आरक्षण को बचाये रखने के उद्देश्य से प्रदेश के दलित आदिवासी विधायकों ने समन्वय समिति का गठन किया है. गुरुवार को विधानसभा परिसर में हुई बैठक में पांच वरिष्ठ विधायकों की समिति बनी, जिसमें जदयू के श्याम रजक, पूर्व सीएम जीतन राम मांझी, राजद के शिवचंद्र राम, जदयू के ललन पासवान और स्वीटी हेंब्रम को मनोनीत किया गया. बैठक में बायलाज को भी मंजूरी दी गयी. अगली बैठक पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के आवास पर चार जून को होगी. बैठक की अध्यक्षता स्वीटी हेम्ब्रम ने की.
विधायकों की बैठक में मोतिहारी के समाजसेवी राजू बैठा की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए वरीय पुलिस अधिकारी को इस मामले में समिति द्वारा निंदा प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया गया. सभी सदस्यों ने कहा कि आरक्षण संबंधी मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जल्द ही इसपर अपना वक्तव्य देने तथा लॉकडाउन खत्म होने के बाद मिलने का समय देने को कहा है. विधायकों ने कहा कि यह लड़ाई बहुत विकराल रूप लेगी. बैठक में श्री रजक ने सभी सदस्यों के बीच बायलॉज पेश किया.
सभी सदस्यों ने नियमावली पर सर्वसम्मति से सहमति जाहिर कर मुहर लगायी. बैठक में समिति के निबंधन कराने व आगे की रणनीति पर भी चर्चा की गयी. निबंधन की जिम्मेवारी जदयू नेता श्याम रजक को दी गयी.बैठक में जदयू के श्याम रजक, महेश्वर हजारी,ललन पासवान,रमेश ऋषिदेव,प्रभुनाथ प्रसाद, रवि ज्योति, शशिभूषण हजारी, अचमीत ऋषिदेश, रत्नेश सदा और भाजपा के निरंजन राम, बेबी देवी शामिल हुई. हम के जीतनराम मांझी,राजद के शिवचंद्र राम, लाल बाबू राम, प्रेमा चौधरी, चंदन पासवान, उपेंद्र पासवान, रेखा देवी, सुवेदार दास, समता देवी, कुमार सर्वजीत, प्रकाश वीर,राजेंद्र कुमार और स्वीटी हेंब्रम, भाकपा माले के सत्यदेव राम एवं कांग्रेस के अशोक कुमार, राजेश कुमार, अनिल कुमार और पूनम पासवान शामिल हुई.