Damad Ki Sasural Me No Entry: बिहार में पंचायत का फरमान, दामाद की ससुराल में एंट्री पर लगी रोक…
Damad Ki Sasural Me No Entry खैरा थाना क्षेत्र के उमनतरी गांव निवासी प्रदीप साव का अपने ही सरहज के साथ पिछले 12 सालों से प्रेम संबंध चल रहा था
Damad Ki Sasural Me No Entry अपने साले की पत्नी से इश्क लड़ना एक शख्स को महंगा पड़ गया. ग्रामीणों ने पंचायत लगाकर उसे ससुराल आने पर रोक लगा दी, साथ ही उसकी संपत्ति को उसके बेटे और पत्नी के नाम करने का भी आदेश पंचायत के द्वारा सुनाया गया. मामला जिले के खैरा थाना क्षेत्र के केंडीह का है. जानकारी के अनुसार खैरा थाना क्षेत्र के उमनतरी गांव निवासी प्रदीप साव का अपने ही सरहज के साथ पिछले 12 सालों से प्रेम संबंध चल रहा था. वह लगातार अपने ससुराल केंडीह आया करता था और कई कई दिनों तक रहता था.
पंचायत का फरमान
उसकी पत्नी और बेटी को जब यह बात नागवार गुजरी तब उसने इसकी शिकायत ग्रामीणों से की इसके बाद गोपालपुर निवासी उनके दामाद ने पूरे गांव की पंचायत बैठा दी, जहां इस मामले की सुनवाई की गई. इस दौरान प्रदीप साव और उसकी प्रेमिका सरहज सुधा देवी को भी बुलाया गया. ग्रामीणों ने बताया कि प्रदीप साव की पत्नी को करीब 12 वर्ष पहले पैरालिसिस का अटैक आया था, इसके बाद से ही उसने अपनी पत्नी को छोड़ दिया और अपनी सरहज के साथ रहने लगा. वही सुधा देवी का पति भी मानसिक रूप से कमजोर है इसी बात का फायदा उठाकर दोनों पिछले 12 सालों से एक दूसरे के साथ रह रहे थे.
पंचायत के फैसला के बाद दामाद ने छोड़ा ससुराल
इसे लेकर बीते रविवार देर शाम गांव में पंचायत लगाई गई तथा मामले की सुनवाई की गई. गांव के पंचायत में सभी पक्ष ने अपनी बातों को रखा, जिसे सुनकर पंचायत के द्वारा 6 लोगों की एक कमेटी बनाई गई और उनके द्वारा यह फैसला लिया गया. पंचायत ने इस मामले में निर्णय सुनाते हुए प्रदीप साव को केंडीह गांव से निकाल दिया. उसे यह आदेश दिया गया कि वह दोबारा कभी केंडीह वापस नहीं लौटेगा, साथ ही पंचायत ने यह भी फैसला सुनाया की वह अपने हिस्से की सारी संपत्ति अपनी पत्नी और बेटे के नाम लिख देगा. इसे लेकर उसे समय भी दिया गया है. वहीं सुधा देवी को भी उमनतरी गांव नहीं जाने की सजा सुनाई गई है. बहरहाल प्रेम प्रसंग का यह मामला इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है.