प्रयागराज की महिला वकील से दुष्कर्म के आरोप में आइएएस अधिकारी संजीव हंस व राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव के खिलाफ में पटना के रूपसपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. इससे संबंधित आदेश शनिवार को दानापुर कोर्ट ने जारी कर दिया है. पीड़ित महिला अधिवक्ता ने बताया कि शुक्रवार को दानापुर के एसीजेएम कोर्ट में उस मामले की सुनवाई हुई थी. इसके बाद शनिवार को कोर्ट ने आइएएस संजीव हंस व पूर्व विधायक गुलाब यादव के खिलाफ में रूपसपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है. हालांकि शनिवार को आदेश से संबंधित कॉपी रूपसपुर थाने को नहीं पहुंची थी और अब सोमवार को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज होने की संभावना है.
प्राथमिकी दर्ज कराने का महिला अधिवक्ता का पहला प्रयास हो गया था विफल
जानकारी के अनुसार, पीड़िता ने रेप का आरोप लगाते हुए एक साल पहले पटना पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने का आवेदन दिया था. लेकिन उस समय प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी थी. इसके बाद पीड़िता ने दानापुर कोर्ट में शिकायत की थी. लेकिन वहां भी याचिका खारिज कर दी गयी और इसके बाद वह पटना हाईकोर्ट की शरण में गयी.
पटना हाईकोर्ट के निर्देश पर हुई जांच
पीड़िता के अनुसार, पटना हाइकोर्ट ने दानापुर कोर्ट द्वारा याचिका को खारिज करने के निर्णय को सही नहीं माना था. इसके बाद पटना हाईकोर्ट के निर्देश पर पूरे मामले की जांच पटना पुलिस ने की और फिर दानापुर कोर्ट ने ही केस दर्ज करने का आदेश जारी कर दिया.
क्या है मामला
पीड़िता का आरोप है कि छह साल पहले झंझारपुर से राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव ने उन्हें राज्य महिला आयोग का सदस्य बनाने के नाम पर बुलाया और रेप किया. उस समय उन्होंने घटना के संबंध में पुलिस से शिकायत करने का प्रयास किया, लेकिन गुलाब यादव ने शादी का झांसा देकर केस करने से रोक दिया.
महिला वकील का यह भी आरोप है कि गुलाब यादव ने उन्हें पुणे बुलाया था और खाने-पीने की सामग्री में नशीला पदार्थ मिला कर खिला दिया और गुलाब यादव के साथ ही आइएएस अधिकारी संजीव हंस ने रेप किया. इसके बाद अश्लील फोटो वायरल करने की धमकी देकर लगातार शोषण करते रहे. इस दौरान वह गर्भवती हुई तो उसका गर्भपात करा दिया. लेकिन दूसरी बार जब वह गर्भवती हुई तो उससे एक बच्चे ने जन्म लिया. क्योंकि उसने गर्भपात कराने से इंकार कर दिया.