Bihar Flood: बिहार के बाढ़ प्रभावित 20 जिलों में सांप के डसने और कुत्ते काटने को लेकर अलर्ट जारी किया गया है तथा इन मामलों में तत्काल उपचार उपलब्ध कराने के साथ ही अन्य बीमारियों के पीड़ितों को भी मदद उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए हैं. राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से सभी जिलों के सिविल सर्जनों को इस संबंध में पत्र भेज कर निर्देशित किया है कि वो सभी चिकित्सा सुविधाओं का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित कर लें.
एंटी वेनम स्टॉक करने का निर्देश
बाढ़ से प्रभावित सभी जिलों के सिविल सर्जन को सर्पदंश से किसी की मौत न हो, इसके लिए पर्याप्त मात्रा में एएसवीएस (एंटी स्नेक वेनम सीरम) रखने का निर्देश दिया गया है. जिला औषधि भंडार में कम से कम एक हजार वाइल एएसवीएस और बाढ़ प्रभावित प्रखंडों में कम से कम 50 वाइल का स्टॉक बनाए रखने का निर्देश दिया गया है.
एंटी रैबिज वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश
इसके साथ ही कुत्तों एक काटने के बाद रैबीज के उपचार के लिए भी पर्याप्त मात्रा में एंटी रैबिज वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. बाढ़ ग्रस्त जिलों के जिला औषधि भंडार में एंटी रैबिज वैक्सीन के 750 वाइल और प्रखंड में 30 वाइल की व्यवस्था रखने का आदेश दिया गया है.
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अन्य बीमारियों से निपटने की भी तैयारी
स्वास्थ्य विभाग ने बाढ़ से होने वाली अन्य बीमारियों से निपटने की भी तैयार की है. विभाग ने सिविल सर्जनों और स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों को प्रत्येक जिला औषधि भंडार में 50 हजार ओआरएस घोल का पैकेट रखने का भी निर्देश दिया है. जबकि, प्रत्येक बाढ़ प्रभावित प्रखंड में 10 हजार ओआरएस पैकेट, 30 हजार जिंक टैबलेट और प्रखंडों में तीन हजार जिंक टैबलेट की व्यवस्था रखने का निर्देश दिया गया है. ब्लीचिंग पाउडर के 500 बैग और प्रखंड में 25 बैग, लाइम 1500 बैग और प्रखंड में 75 बैग रखने की बात कही गयी है.
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