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आतंकी का कबूलनामा: छोटी सी चूक ने साजिशों पर फेरा पानी, नहीं तो दरभंगा पहुंचने से पहले ही चलती ट्रेन के उड़ जाते परखच्चे

दरभंगा जंक्शन पर हुए पार्सल ब्लास्ट मामले में रोज नये खुलासे हो रहे हैं. एनआईए ने इस मामले में शुरूआती दौर में जिन दो आतंकियों को हिरासत में लिया था उनमें दो सगे भाग इमरान खान उर्फ इमरान मलिक व नासिर खान उर्फ नासिर मलिक शामिल थे. दोनों की गिरफ्तारी हैदराबाद से हुई थी.एनआईए के द्वारा चल रही पूछताछ में नासिर ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. उसने एनआईए की टीम को बताया कि एक उसकी प्लानिंग ट्रेन को उड़ाने की थी लेकिन एक चूक के कारण ऐसा नहीं हो सका और सारा खेल बिगड़ गया.

दरभंगा जंक्शन पर हुए पार्सल ब्लास्ट मामले में रोज नये खुलासे हो रहे हैं. एनआईए ने इस मामले में शुरूआती दौर में जिन दो आतंकियों को हिरासत में लिया था उनमें दो सगे भाग इमरान खान उर्फ इमरान मलिक व नासिर खान उर्फ नासिर मलिक शामिल थे. दोनों की गिरफ्तारी हैदराबाद से हुई थी.एनआईए के द्वारा चल रही पूछताछ में नासिर ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. उसने एनआईए की टीम को बताया कि एक उसकी प्लानिंग ट्रेन को उड़ाने की थी लेकिन एक चूक के कारण ऐसा नहीं हो सका और सारा खेल बिगड़ गया.

यूपी के शामली निवासी नासिर खान उर्फ नासिर मलिक पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुडा हुआ है. इसने बताया कि इन सबकी योजना चलती ट्रेने में ब्लास्ट करने की थी. उसने अपने कबूलनामें में एनआईए को बताया है कि प्लानिंग सिकंदराबाद दरभंगा ट्रेन को उड़ाने की थी. लेकिन इस ब्लास्ट के लिए जो तैयारी और ट्रेनिंग दी गई थी, उसे सही से वो लोग(आतंकी) अंजाम नहीं दे पाए.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नासिर ने एनआइए को पूछताछ के दौरान डिटेल में बताया कि बम बनाने की ट्रेनिंग पाकिस्तान के इकबाल काना ने ऑनलाइन दी थी. नाइट्रिक और सल्फ्यूरिक एसिड से इस बम को तैयार किया गया था. दोनों एसिड के मिलने के बाद ये धमाका होना था. आतंकियों की प्लानिंग के तहत इस बम को काजीपेट में ब्लास्ट होना था. लेकिन एक चूक ने सारी साजिश पर पानी फेर दिया और ये ब्लास्ट दरभंगा के प्लेटफॉर्म नंबर-1 पर जाकर हुआ.

आतंकी नासिर ने बताया कि पाकिस्तानी आतंकी और ट्रेनर इकबाल के दिए ट्रेनिंग के अनुसार दोनो कैमिकल के बीच में पेपर रखना था. ताकि पेपर जलते ही दोनों एसिड मिलते और रामागुंडम और काजीपेट स्टेशन के बीच यह धमाका होता. लेकिन गलती से उसने पेपर की जगह हार्ड बोर्ड रख दिया था. जिसके कारण तय रणनीति के तहत ब्लास्ट नहीं हुआ. दोनों एसिड को मिलने में देरी हुई और ट्रेन के दरभंगा स्टेशन पर पहुंचने के बाद यह ब्लास्ट हुआ.

गौरतलब है कि दरभंगा जंक्शन के दो नंबर प्लेटफार्म पर 17 जून को पार्सल ब्लास्ट हुआ था. इस दौरान सौ एमएल की शीशी मिली थी, जिसके अंदर आइइडी था. इस साजिश को अंजाम देने के आरोप में पकड़ा गया नासिर मलिक इसका एक्सपर्ट है. नासिर मलिक वर्ष 2012 में पाकिस्तान गया था. उसने वहां केमिकल से आइइडी बनाने की ट्रनिंग ले रखी है. एनआए ने फूलप्रुफ प्लान के तहत इसे हैदराबाद से पकड़ा था. वहीं एनआइए लगातार इस साजिश में जुड़े अन्य आतंकियों की गिरफ्तारी भी कर रही है.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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