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हड़ताल से टले ऑपरेशनों की नहीं मिल रही तारीख

रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल खत्म होने के बाद भी मरीजों की पीड़ा कम नहीं हो रही है.

संवाददाता, पटना रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल खत्म होने के बाद भी मरीजों की पीड़ा कम नहीं हो रही है. इसे कम होने में कम से कम एक से दो माह का समय लगेगा. दरअसल पटना के पीएमसीएच, एनएमसीएच, एम्स और आइजीआइएमएस कुल चार बड़े मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में 10 दिन तक हड़ताल पर जूनियर डॉक्टर थे. ऐसे में इन अस्पतालों में करीब 1050 मरीजों के ऑपरेशन टालने पड़े. अब इन मरीजों के ऑपरेशन कब होंगे? इसका सही आकलन न तो सीनियर डॉक्टरों को है और न अस्पताल प्रशासन को. नतीजतन मरीजों को लौटना पड़ रहा है. इमरजेंसी वार्ड भी रहा था ठप : 10 दिनों तक चली जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल में सबसे अधिक पीएमसीएच में सर्जरी टालीं. यहां सर्जरी विभाग, हड्डी, कार्डियोलॉजी, गायनेकोलॉजी, चर्म रोग, न्यूरो समेत अलग-अलग विभागों में करीब 510 सर्जरी नहीं हो पायीं. यहां रोजाना 60 मरीजों की सर्जरी होती है. हड़ताल की शुरुआत के दो दिन इमरजेंसी वार्ड भी ठप होने के चलते एक भी सर्जरी नहीं हो पायी. हालांकि बाद में इमरजेंसी वार्ड खोल दिये गये, इसके बाद पांच से 10 सर्जरी होने लगीं. इसी तरह आइजीआइएमएस में भी रोजाना 65 से 70 सर्जरी होती हैं. लेकिन हड़ताल के दौरान यहां 50 प्रतिशत ही सर्जरी हो रही थीं. कमोबेश यही हाल एनएमसीएच और एम्स का भी है.

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