बिहार में बेटियों ने अपने पिता को दी मुखाग्नि, पापा की अंतिम इच्छा पूरी करने अर्थी को भी दिया कंधा

Bihar News: बिहार के सीवान और भागलपुर में बेटियों ने अपने पिता को मुखाग्नि दी. पापा की अंतिम इच्छा को पूरी करने के लिए उनकी अर्थी को कंधा दिया. जानिए दो अलग-अलग घटना...

By ThakurShaktilochan Sandilya | November 22, 2024 7:04 AM

Bihar News: बिहार के सिवान और भागलपुर में बेटियों ने अपने पिता को मुखाग्नि दी और उन्हें विदा किया. सिवान में अपने पिता की अंतिम इच्छा को उनकी बेटियों ने पूरा किया. अपने पिता की अर्थी भी उठायी और उन्हें मुखाग्नि भी दी. पिता की मौत के बाद उनकी आत्मा को यह मलाल ना रहे कि उन्हें मुखाग्नि देने के लिए कोई बेटा नहीं था, इसके लिए बेटियों ने ही बेटे की भूमिका निभाई और विधि-विधान से पति को मुखाग्नि दी.

सीवान में बेटियों ने पिता की अंतिम इच्छा पूरी की, अर्थी उठायी और मुखाग्नि दी

सीवान में अपने पिता की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए बेटियों ने पिता की अर्थी उठायी और मुखाग्नि दी, तो पूरा मुहल्ला रो पड़ा. हिंदू धर्म में मान्यता है कि बाप की चिता को मुखाग्नि बेटा ही देता है, पर जिनके बेटे नहीं होते उनकी चिता को भतीजा या फिर कोई करीबी मुखाग्नि देता है. लेकिन, प्रखंड के मेरही की तीन बेटियों ने पिता की मौत के बाद उन्हें इस बात का मलाल नहीं होने दिया कि उनका कोई बेटा नहीं है. तीनों बेटियों बबली कुमारी, बंटी कुमारी व छोटी कुमारी ने अपने पिता को विदाई दी.

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शादी में शामिल होने दिल्ली से आए, अचानक हो गयी मौत

बता दें कि मेरही निवासी 50 वर्षीय रामाज्ञा यादव का बुधवार की रात अचानक निधन हो गया. वह दिल्ली रहकर किसी प्राइवेट कंपनी में नौकरी करके अपनी पत्नी राधिका यादव सहित तीनों बेटियों का भरण-पोषण करते थे. बीते 10 नवंबर को गांव में पट्टीदारी में शादी समारोह होने के कारण दिल्ली से घर आये थे. इसी बीच बुधवार की रात उनका निधन हो गया. इसके पश्चात बेटियों ने अपने पिता की अर्थी को न केवल कंधा दिया, बल्कि मुखाग्नि देकर बेटे का फर्ज निभाया. इस अवसर पर गांव वालों की आंखों से आंसू छलक पड़े.

भागलपुर में बेटी ने पिता को दी मुखाग्नि

एक अलग घटना में भागलपुर के नारायणपुर अंतर्गत पहाड़पुर गांव के जाटों शर्मा का गुरुवार को बीमारी से निधन हो गया. समाजसेवी जितेंद्र कुमार शर्मा बताया कि मृतक निसहाय व भूमिहीन गरीब व्यक्ति थे. सामाजिक सहयोग से अंतिम संस्कार के लिए ग्रामीणों में समन्वय बना कर बलाहा गंगाघाट ले गये. पुत्र नहीं होने पर मुखाग्नि देने की बात पर उनकी छोटी पुत्री कोमल ने पिता को मुखाग्नि देकर अपना फर्ज निभाया. लोगों ने बताया कि मृतक अपने पीछे पत्नी मीना देवी, पुत्री कंचन कुमारी, पूनम कुमारी व कोमल कुमारी को छोड़ कर चले गये हैं.

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