बिहार में इस कोरोना काल के दौरान लोगों को मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने में काफी समस्या होने लगी है. खासकर कोरोना से जिन लोगों की मौत हुई है, उन्हें मृत्यु प्रमाणपत्र देने में संबंधित निकाय या जिला काफी देर कर रहे हैं. जिला स्तरीय कार्यों में इसे लेकर काफी फजीहत हो रही है. इस वजह से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. कई जिलों में सरकारी अस्पतालों से भी कोरोना से मौत होने पर मृत्यु प्रमाणपत्र देने में काफी समस्या होती है. हाल के कुछ दिनों में इसकी दर्जनों शिकायतें राज्य सरकार को मिली हैं. अब मृत्यु प्रमाणपत्र परिजनों को देने में देरी को सरकार ने गंभीरता से लिया है और सभी जिलों को कड़े निर्देश दिए गए हैं.
कई स्थानों से सामान्य मृत्यु होने की स्थिति में भी मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने में काफी देर कर रहे हैं. इस स्थिति को देखते हुए मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण ने सभी जिलों को सख्त निर्देश दिया है कि सभी लंबित मामलों का तुरंत निबटारा करें. जिन जिलों में सात दिन से ज्यादा पुराने मामले लंबित पड़े हैं, तो संबंधित डीएम को इसका कारण स्पष्ट रूप से बताना होगा.
किसी व्यक्ति की मौत होने के सात दिन के अंदर मृत्यु प्रमाणपत्र नहीं मिलता है, तो डीएम को स्वयं इसे देखना होगा. अन्यथा इसका कारण उन्हें सरकार को बताना पड़ेगा. इस आदेश का पालन सभी जिलों को पूरी गंभीरता से करने के लिए कहा गया है. मृत्यु प्रमाणपत्र समय से नहीं मिलने से कोरोना पीड़ित कई लोगों को अनुग्रह अनुदान की राशि का लाभ नहीं मिल रहा है. सरकार ने कोरोना से मौत होने पर चार लाख रुपये अनुग्रह अनुदान के रूप में देने की घोषणा कर रखी है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan