पटना हाइकोर्ट ने जयप्रकाश नारायण एयरपोर्ट, पटना समेत गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, भागलपुर, फारबिसगंज , मुंगेर और रक्सौल स्थित एयरपोर्ट के विकास एवं निर्माण के संबंध में किये जाने वाले जमीन अधिग्रहण एवं अन्य मुद्दों को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने राज्य के विकास आयुक्त को निर्देश दिया की वह तीन सप्ताह के अंदर सभी संबंधित पक्षों के साथ बैठक कर इस मामले में उचित निर्णय लें.मुख्य न्यायाधीश संजय करोल, न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने गौरव कुमार सिंह समेत अन्य द्वारा इस मामले को लेकर दायर की गयी याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. कोर्ट ने पटना एयरपोर्ट के निदेशक को कहा कि अगली सुनवाई में वह कोर्ट में उपस्थित इस मामले में की जाने वाली पूरी जानकारी उपलब्ध कराएं.
कोर्ट को बताया गया कि पटना, गया का एयरपोर्ट ही अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट है. जहां से मुख्यतः बौद्ध देशों के लिए फ्लाइट चलायी जाती है. राज्य के अन्य एयरपोर्ट पर बहुत सारी आधुनिक सुविधाओं का अभाव उसकी सुरक्षा की भी समस्या है. कोर्ट ने पूर्णिया के डीएम को कहा कि वह पूर्णिया एयरपोर्ट के लिये जमीन अधिग्रहण से संबंधित मुकदमों की सुनवाई कर 45 दिनों के अंदर उसका निबटारा कर दें. कोर्ट ने दो दिनों के भीतर गया एयरपोर्ट के लिए किये जाने वाले जमीन अधिग्रहण से संबंधित लंबित मुकदमों का चार्ट देने को कहा है,जबकि पटना एयरपोर्ट का विस्तार करने के लिए बिहार सरकार से एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया ने भूमि की मांग की है, लेकिन अभी तक उसे उपलब्ध नहीं कराया गया है .
गया एयरपोर्ट के लिए 26 एकड़ जमीन ही दी गयी है. बाकी जमीन अबतक नहीं दिया गया. जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया के तहत बिहार सरकार ने लगभग 260 करोड़ रुपये के लिए अपील दायर कर रखी है. इस कारण न तो संबंधित पक्षों को मुआवजा मिला है और न ही जमीन अधिग्रहण का कार्य ही पूरा हुआ है. बिहटा का एयरपोर्ट स्टेशन, पूर्णिया एयरपोर्ट और सबेया एयरपोर्ट सिर्फ सेना के इस्तेमाल के लिए हैं.
भागलपुर एयरपोर्ट, जोगबनी स्थित फारबिसगंज एयरपोर्ट, मुंगेर एयरपोर्ट और रक्सौल एयरपोर्ट बंद पड़े हुए हैं . बिहार में सिर्फ दो ही अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट गया और पटना में हैं जहां से नियमित फ्लाइट चलायी जा रही है.इस मामले पर आगे की सुनवाई अब तीन सप्ताह बाद की जायेगी.