संवाददाता, पटना बीपीएससी परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार सिंह ने कहा कि एकीकृत 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता परीक्षा को पूरे राज्य के केंद्रों पर पुनर्परीक्षा कराना क्यों संभव नहीं है, उसकी विस्तृत जानकारी साझा की थी. लेकिन इसे गलत तरीके से पेश किया जा रहा है. परीक्षा नियंत्रक ने कहा है कि आयोग ने अपना निर्णय अत्यंत सावधानीपूर्वक और राज्य के युवा अभ्यर्थियों के हितों को ध्यान में रख कर लिया है. वैसी स्थिति में अभ्यर्थियों से अनुरोध है कि ऐसी भ्रामक खबरों से दिग्भ्रमित न हों और सावधान रहें. इस संबंध में परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार सिंह ने पुनः स्पष्ट किया है कि आयोग एक संवैधानिक संस्था है, जिसका उद्देश्य अभ्यर्थियों के हित में पारदर्शी परीक्षाओं का आयोजन करना है. आयोग तथ्यहीन, निराधार, भ्रामक, सत्य से परे आरोपों व नारेबाजी के आधार पर किसी केंद्र की पुनर्परीक्षा कराने या न कराने के संबंध में निर्णय नहीं लेता. आयोग किसी भी केंद्र की परीक्षा के संबंध में संबंधित जिला पदाधिकारी के माध्यम से प्राप्त प्रतिवेदन एवं अन्य अकाट्य प्रमाणों के आधार पर परीक्षा रद्द करने अथवा पुनर्परीक्षा कराने या न कराने का निर्णय लेता है. उन्होंने कहा कि जहां तक पूरे राज्य में एकीकृत 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता परीक्षा की पुनर्परीक्षा कराने का प्रश्न है, यह स्पष्ट किया जाता है कि आयोग के समक्ष न ही किसी जिला पदाधिकारी द्वारा कोई प्रतिवेदन उपलब्ध कराया गया है और न ही अन्य स्रोतों से कोई साक्ष्य, प्रमाण प्राप्त हुए हैं, जिसके आधार पर पुनर्परीक्षा कराने का निर्णय लिया जा सके. इस संबंध में स्पष्ट किया जाता है कि एकमात्र परीक्षा केंद्र बापू परीक्षा परिसर पटना के संबंध में जिलाधिकारी पटना से प्राप्त प्रतिवेदन एवं अन्य सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो क्लिप व अन्य प्रमाणों के आधार पर इस केंद्र की पुनर्परीक्षा चार जनवरी 2025 को आयोजित करने का निर्णय आयोग की पूर्ण पीठ की बैठक में 19 दिसंबर को लिया गया है. वर्णित स्थिति में राज्य के अन्य 911 केंद्रों पर सम्मिलित परीक्षार्थियों के हितों को दृष्टिगत अन्य सभी केंद्रों पर पुनर्परीक्षा कराने का कोई आधार आयोग के समक्ष नहीं है.
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