बिहार में मध्य प्रदेश के तर्ज पर बनाया गया डेडिकेटेड कमीशन, अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का मामला

नगर विकास एवं आवास विभाग ने कहा कि नगर निकाय में आरक्षण संबंधी सिविल रिव्यू वाद में 19 अक्तूबर, 2022 को पटना हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के क्रम में ही राज्य सरकार ने ''अतिपिछड़े वर्गों के लिए राज्य आयोग '' को ही डेडिकेटेड कमीशन के रूप में घोषित किये जाने की जानकारी दी थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 4, 2022 12:50 AM

बिहार में नगर निकाय चुनाव को लेकर गठित डेडिकेटेड आयोग को लेकर चल रही विभिन्न चर्चाओं के बीच नगर विकास एवं आवास विभाग ने विज्ञप्ति जारी कर राज्य सरकार का पक्ष स्पष्ट किया है. विभाग ने कहा है कि इसी सदृश मामले में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग को ही ”डेडिकेटेड कमीशन ” के रूप में घोषित किया गया था. इसके प्रतिवेदन के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने इस वर्ष मध्य प्रदेश में स्थानीय निकायों का चुनाव कराने की अनुमति दी थी.

हाइकोर्ट के आदेश का किया गया पालन

विभाग ने कहा कि नगर निकाय में आरक्षण संबंधी सिविल रिव्यू वाद में 19 अक्तूबर, 2022 को पटना हाइकोर्ट में हुई सुनवाई के क्रम में ही राज्य सरकार ने ”अतिपिछड़े वर्गों के लिए राज्य आयोग ” को ही डेडिकेटेड कमीशन के रूप में घोषित किये जाने की जानकारी दी थी. इसके बाद विभिन्न राज्यों के गठित डेडिकेटेड कमीशन के संबंध में अध्ययन के उपरांत मध्य प्रदेश के तर्ज पर बिहार सरकार ने 21 अक्तूबर, 2022 को पिछड़े वर्गों के लिए राज्य आयोग को डेडिकेटेड कमीशन के रूप में अधिसूचित किया. इस डेडिकेटेड कमीशन के द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित अनुग्रह नारायण सिन्हा समाज अध्ययन संस्थान, पटना से व्यापक तथ्यपरक तथा क्षेत्रीय सर्वे अध्ययन कराया गया.

राज्य के सभी 38 जिलों के सभी 261 नगर निकायों में कराये गये सर्वे में कई प्रकार की जानकारियां (यथा सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक एवं राजनैतिक) से संबंधित तथ्यपरक अध्ययन प्रतिवेदन डेडिकेटेड कमीशन को सौंपा गया. इसके अलावा डेडिकेटेड कमीशन के अध्यक्ष एवं अन्य सभी सदस्यों ने बिहार के सभी जिलों का भ्रमण करते हुए संदर्भित मामले में जिला स्तर पर बैठकें कीं.

कमीशन ने राज्य के नगर निकाय क्षेत्रों में जाकर जनता के बीच मंत्रणा करते हुए जानकारी प्राप्त की तथा इसके पश्चात सभी बिंदुओं पर विचार करते हुए राज्य सरकार को अपना प्रतिवेदन सौंपा. इसके बाद राज्य सरकार ने इस डेडिकेटेड कमीशन द्वारा समर्पित प्रतिवेदन को पिछड़े वर्गों के लिए राज्य आयोग को भेजा, जिसके अध्यक्ष हाइकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश हैं.

पिछड़े वर्गों के लिए राज्य आयोग ने इस डेडिकेटेड कमीशन की अनुशंसा एवं अध्ययन रिपोर्ट पर अपना मंतव्य दिया है. इसके बाद यह सभी प्रतिवेदन राज्य निर्वाचन आयोग को भेजे गये, आयोग ने विचार के बाद राज्य के नगर निकाय के चुनावों की घोषणा की. विभाग ने कहा कि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट एवं हाइकोर्ट के सभी आदेशों का अनुपालन करते हुए सभी प्रक्रियाओं का विधिवत पालन किया है. राज्य में नगर निकायों की चुनाव कराने हेतु सभी कार्रवाई की गयी है.

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