BCA अध्यक्ष को यौन शोषण मामले में फंसाने की थी साजिश, क्रिकेट लीग के पूर्व संयोजक के घर पहुंची पुलिस
बीसीए अध्यक्ष राकेश तिवारी के खिलाफ यौन शोषण करने की कोशिश का मामला दिल्ली के संसद मार्ग थाना में दर्ज किया गया था. जो जांच में गलत निकला. अब इस मामले में बिहार क्रिकेट लीग के पूर्व संयोजक ओमप्रकाश तिवारी पर गाज गिर गयी है.
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) के अध्यक्ष राकेश तिवारी को यौन शोषण मामले में फंसाने का प्रयास करने और दिल्ली पुलिस को परेशान करने के आरोप में बिहार क्रिकेट लीग के पूर्व संयोजक ओमप्रकाश तिवारी पर गाज गिर गयी है. इनके खिलाफ दिल्ली पुलिस ने संसद मार्ग थाने में केस दर्ज किया है.
दिल्ली से पटना पहुंची पुलिस टीम
दिल्ली पुलिस की पांच सदस्यीय पुलिस टीम ओमप्रकाश को पकड़ने के लिए मंगलवार को पटना के कदमकुआं थाने के लोहा गोदाम गली स्थित दीप लीला अपार्टमेंट स्थित फ्लैट व कार्यालय में पहुंच गयी. हालांकि ओमप्रकाश तिवारी नहीं मिले. लेकिन पुलिस ने एक लैपटॉप व कुछ अन्य सामान को बरामद किया है.
सात मार्च को बीसीए अध्यक्ष पर दर्ज किया गया था केस
सात मार्च को बीसीए अध्यक्ष राकेश तिवारी के खिलाफ यौन शोषण करने की कोशिश का मामला दिल्ली के संसद मार्ग थाना में दर्ज किया गया था. मामला चित्रा वाेहरा ने दर्ज कराया था. लेकिन जांच के बाद उक्त केस गलत निकला. बताया जाता है कि वर्ष 2020 में पटना में बिहार क्रिकेट लीग का आयोजन किया गया था और इसके संयोजक ओमप्रकाश तिवारी बनाये गये थे. उक्त लीग में इवेंट का काम स्पोर्ट्स मैनेजमेंट इवेंट ऑर्गेनाइजेशन और एडवर्टाइजमेंट का काम करने वाली गुरुग्राम निवासी चित्रा वोहरा को दिया गया था. इस दौरान खिलाड़ियों के चयन को लेकर विवाद हुआ. इसके बाद ओमप्रकाश तिवारी को संयाेजक पद से हटा दिया गया.
राकेश तिवारी के खिलाफ नहीं मिला कोई साक्ष्य
राकेश तिवारी के अनुसार, ओमप्रकाश तिवारी को संयाेजक पद से हटा दिए जाने के बाद ही ओमप्रकाश तिवारी, चित्रा व अन्य ने मिलकर उनके खिलाफ साजिश की और चित्रा से गलत केस करा दिया. चित्रा द्वारा दी गयी जानकारी की जांच दिल्ली पुलिस ने की और उन्हें क्लीन चिट दे दिया गया. चित्रा ने दिल्ली के एक होटल में 12 जुलाई 2021 को उनके मौजूद होने व यौन शोषण का प्रयास करने की जानकारी दी थी. लेकिन वे उस दिन पटना में थे. सीसीटीवी कैमरे की जांच अन्य तरीके से किये गये अनुसंधान के बाद यह स्पष्ट हो गया कि उस दिन वे पटना में थे. दिल्ली पुलिस को कोई साक्ष्य नहीं मिला जो उसके आरोपों की पुष्टि करता हो.