देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार शरजील इमाम पर दिल्ली पुलिस ने दाखिल की चार्जशीट
देशद्रोह के आरोप में गिफ्तार जेएनयू छात्र शरजील इमाम के खिलाफ चार्जशीट दायर किया गया है.जामिया में राष्ट्र विरोधी भाषण देने और दंगे भड़काने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम के खिलाफ चार्जशीट दायर की है.
पटना : देशद्रोह के आरोप में गिफ्तार जेएनयू छात्र शरजील इमाम के खिलाफ चार्जशीट दायर किया गया है. न्यूज एंजेसी ANI के अनुसार जामिया में राष्ट्र विरोधी भाषण देने और दंगे भड़काने(15 दिसंबर 2019) के आरोप में दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम के खिलाफ चार्जशीट दायर की है. बता दें कि शारजील इमाम को 13 दिसंबर 2019 को दिए गए उनके देशद्रोही भाषण द्वारा जामिया दंगों को भड़काने और भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. सबूतों के आधार पर दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा 124 ए और 153 ए लगाया है.
Sharjeel Imam was arrested for instigating & abetting Jamia riots by his seditious speech, delivered on 13th December 2019. On the basis of evidence, sections 124A and 153A of the IPC (sedition and promoting enmity between classes) were invoked in the case: Delhi Police https://t.co/bhOW1fQkcV
— ANI (@ANI) April 18, 2020
गौरतलब है कि शरजील इमाम को देशविरोधी भाषण देने के आरोप में बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया गया था. उसे जहानाबाद के काको गांव से पकड़ा गया था. देशद्रोह और दूसरे संगीन आरोपों में फंसने के बाद इमाम पटना भी आया था. उसने पटना और गया में सीएए के खिलाफ धरना देने वालों से भी मुलाकात की थी. देशद्रोह का केस दर्ज होने के बाद कई राज्यों की पुलिस शरजील इमाम की तलाश कर रही थी.
जेएनयू का रिसर्च स्कॉलर शरजील इमाम पर देशविरोधी भाषण देने के बाद देशद्रोह का केस किया गया था. इमाम ने असम को देश के अन्य हिस्सों से अलग करने का विवादित बयान दिया था. विवादित बयान के कारण पुलिस ने इमाम को 6 फरवरी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. इमाम पर आईपीसी की कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था.
गौरतलब है कि पिछले साल 15 दिसंबर को सीएए के खिलाफ न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में हिंसक प्रदर्शन हुये थे. प्रदर्शनकारियों ने चार सरकारी बसों और दो पुलिस गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था. प्रदर्शन में छात्रों, पुलिसकर्मियों और फायरबिग्रेड के कर्मियों समेत करीब 60 लोग घायल हो गये थे. पुलिस ने आक्रोशित भीड़ पर लाठीचार्ज के साथ आंसू गैस के गोले भी छोड़े थे. दंगाईयों का पीछा करते हुये पुलिस जामिया परिसर में प्रवेश कर गयी थी. हालांकि, जामिया के छात्रों ने हिंसा में शामिल होने से इंकार करते हुए पुलिस पर ज्यादती का आरोप लगाया था.