सीबीआइ से परिषद में दारोगा बहाली की जांच की उठी मांग

विधान परिषद में दारोगा बहाली की जांच सीबीआइ से कराये जाने को लेकर विपक्ष ने कार्यस्थगन का प्रस्ताव लाया, लेकिन इस प्रस्ताव को सभापति ने अस्वीकार कर दिया. गुरुवार को सत्र शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने दारोगा अभ्यर्थियों की आवाज बुलंद की.

By Shaurya Punj | March 5, 2020 11:18 PM

पटना : विधान परिषद में दारोगा बहाली की जांच सीबीआइ से कराये जाने को लेकर विपक्ष ने कार्यस्थगन का प्रस्ताव लाया, लेकिन इस प्रस्ताव को सभापति ने अस्वीकार कर दिया. गुरुवार को सत्र शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने दारोगा अभ्यर्थियों की आवाज बुलंद की. सदस्य सुबोध कुमार ने सदन में कहा कि दारोगा बहाली में व्यापक गड़बड़ी होने की आशंका है. इसलिए बहाली प्रक्रिया की जांच सीबीआइ से करायी जाये.

उन्होंने कहा कि जब छात्रों ने जांच की मांग की, तो पुलिस ने उन पर लाठियां बरसायीं. इस मामले में छात्रों की आवाज को डंडे की जोर पर दबाया जा रहा है. प्रस्ताव का समर्थन रामचंद्र पूर्वे ने भी किया, लेकिन कार्यकारी सभापति ने सुबोध राय के कार्यस्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया.

रामचंद्र पूर्वे मंत्री के जवाब से हुए नाखुश : विधान परिषद में रामचंद्र पूर्वे के सवाल का जवाब देते हुए श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग द्वारा राजकीय आंबेडकर आवासीय उच्च विद्यालय राघोपुर, बखरी, सीतामढ़ी का संचालन हो रहा है, जिसे 10 प्लस टू तक उत्क्रमित करते हुए शैक्षणिक एवं गैरशैक्षणिक पदों का सृजन किया गया है.

विभाग के अधीन संचालित 21 आवासीय विद्यालयों के लिए 720 आसन वाले भवन का निर्माण कार्य भवन निर्माण विभाग के द्वारा होना है, जिसे जुलाई 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य है. मंत्री ने कहा कि राघोपुर, बखरी, सीतामढ़ी की शैक्षणिक स्थिति सामान्य है. इसके लिए प्राथमिक शिक्षकों के कुल सात एवं उच्च विद्यालयों के लिए स्नातक शिक्षकों के कुल नौ पद स्वीकृत हैं.

मंत्री के जवाब के दौरान रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि इस जवाब के बाद कुछ बोलने को बचा नहीं है. हम शनिवार को दोबारा से जाकर वहां से रिपोर्ट लायेंगे और उसके बाद सदन में गलत जवाब के विरोध में अवमानना का मामला लायेंगे. इस पर कार्यकारी सभापति ने भी हस्तक्षेप किया. तक जाकर मंत्री ने आश्वासन दिया कि दोबारा से इस मामले की जांच की जायेगी.

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