Patna: जदयू के एक शिष्टमंडल ने मंगलवार को निर्वाचन आयुक्त से मिलकर विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव पर वेतन और आय की घोषणा में घोटाले का आरोप लगाते हुये विधानसभा की सदस्यता समाप्त करने की मांग की है. ज्ञापन में लोक प्रतिनिधित्व कानून-1951 की धारा 123(2) का जिक्र किया गया है. इस शिष्टमंडल में पार्टी संगठन के चुनाव अधिकारी और पूर्व सांसद अनिल प्रसाद हेगड़े, पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सह विधान पार्षद नीरज कुमार मौजूद रहे. उनके अलावा प्रदेश प्रवक्ता डॉ निहोरा प्रसाद यादव, हिमराज राम, अरविंद निषाद, डॉ भारती मेहता, परिमल कुमार, मनीष यादव और नवल शर्मा शामिल थे. शिष्टमंडल ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि उक्त मामले का अतिशीघ्र संज्ञान लिया जाये. इस पर शिष्टमंडल को चुनाव आयोग ने अवलोकन करने का आश्वासन दिया है.
दिया पूरा ब्यौरा
इस संबंध में विधान पार्षद नीरज कुमार ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त नई दिल्ली और निर्वाचन आयुक्त पटना को पत्र लिखकर पूरी जानकारी दी है. उन्होंने बताया है कि वर्ष 2020 के अपने चुनावी हलफनामे में तेजस्वी यादव ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में कुल आय की राशि एक लाख 41 हजार 720 रुपए बताया गया है. वित्तीय वर्ष 2019-20 के संबंध में कुल आय की राशि 2 लाख 89 हजार 860 रुपए बताया गया है.
हलफनामा विरोधाभासी व विपरीत- नीरज कुमार
तेजस्वी प्रसाद यादव के चुनावी हलफनामे 2015 में वित्तीय वर्ष 2014-2015 की वास्तविक आय 5 लाख 8 हजार 19 रुपए थी. चुनावी हलफनामे 2020 के अनुसार वित्तीय वर्ष 2015-2016 की वास्तविक आय 39 लाख 80 हजार 490 रुपए, बताई गई है जो वित्तीय वर्ष 2014-2015 के मुकाबले आठ गुना अधिक है.
नीरज कुमार ने बताया है कि संबंधित चुनावी हलफनामे में कुल पंचवर्षीय आय (2015 से 2020) के रूप में 89 लाख 75 हज़ार 360 रुपए दर्शाया गया. इसी अवधि में दूसरे व्यक्तियों को कर्ज के रूप में 4 करोड़ 10 लाख रुपए की राशि देने का जिक्र किया गया है. यह स्पष्ट रूप से इनके द्वारा दर्शाए गए आय का विरोधाभासी व विपरीत है.
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