Dengue In Bihar : ठंड बढ़ने से कम होगा डेंगू का खतरा, जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञ
विशेषज्ञ डॉक्टरों की माने तो न्यूनतम तापमान कम होने पर मौसम में हल्की ठंडक के बाद मच्छर की सक्रियता कम हो जाती है. 18 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान में डेंगू का मच्छर एडीज इजिप्टी मच्छर कमजोर हो जाता है.
पटना सहित पूरे बिहार में सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में डेंगू का इलाज करवाने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. यहां तक कि डेंगू अब जानलेवा साबित हो रहा है. बीते एक सप्ताह के अंदर चार मरीजों की मौत हो चुकी है, इनमें तीन बच्चे व एक जवान शामिल हैं. हालांकि विशेषज्ञ डॉक्टरों का कहना है कि अगले 15 दिन के बाद डेंगू से राहत मिल सकती है. क्योंकि अब कुछ दिन में ही तापमान में गिरावट दर्ज होगी इससे डेंगू से राहत मिलने लगेगी. न्यूनतम तापमान करीब 21 डिग्री सेल्सियस चल रहा है. पिछले एक माह से डेंगू लोगों पर खतरा बन कर मंडरा रहा है.
18 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान में कमजोर हो जाता है डेंगू का मच्छर
विशेषज्ञ डॉक्टरों की माने तो न्यूनतम तापमान कम होने पर मौसम में हल्की ठंडक के बाद मच्छर की सक्रियता कम हो जाती है. 18 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान में डेंगू का मच्छर एडीज इजिप्टी मच्छर कमजोर हो जाता है. वहीं 15 से 16 डिग्री तक आते-आते इसका पावर पूरी तरह से खत्म होने लगता है.
24 से 28 डिग्री सेल्सियस तापमान में पनपता है डेंगू मच्छर
आइजीआइएमएस कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ संजय कुमार ने बताया कि डेंगू के मच्छर को पनपने के लिए 24 से 28 डिग्री सेल्सियस तापमान तथा 80 फीसदी से ज्यादा ह्यूमिडिटी की जरूरत होती है. बारिश के बाद तापमान में गिरावट के बाद डेंगू मच्छर की जिंदगी की उलटी गिनती शुरू हो जाती है.
हालांकि इस अवधि में खुले के बजाये जिस घर में गंदगी है वहां डेंगू का मच्छर पनपने लगता है. 18 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान होने पर अंडे से लेकर डेंगू मच्छर बनने की समय अवधि 7 से बढ़कर 14 दिन तक पहुंच जाती है. इसके बाद उसका वार करने की क्षमता तकरीबन खत्म हो जाती है. ठंड की वजह से मच्छर के पंख भारी पड़ने की वजह से उड़ान भी कम भरता है और एक ही जगह रहने से खत्म हो जाता है.
0.1 एमएल खून चूसता है मच्छर
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ बिमल राय ने बताया कि सिर्फ मादा मच्छर चूसती है. एक बार डंक मारने पर 0.001 से 0.1 एमएल खून चूस लेती है. मच्छर पूरे जीवन काल में 500 अंडे देती है. मच्छरों की 3500 के करीब प्रजातियां है. उन्होंने कहा कि तापमान में गिरावट से डेंगू का प्रकोप तेजी से कम होगा.
18 डिग्री सेल्सियस से तापमान नीचे जाने के बाद डेंगू मच्छर के पनपने का सिलसिला थम जाता है. डेंगू की लोगों पर हमला करने की क्षमता भी कमजोर हो जाती है. हालांकि घरों के अंदर डेंगू के पनपने के लिए इतना तापमान भी पर्याप्त है. इसके लिए लोगों को सजग रहने की जरूरत है. एक मादा मच्छर की उम्र एक महीने से सवा महीने तक रहती है वह अपने जीवन काल में 4 से 5 लोगों को काटी है.