Dengue in Bihar: पटना. बिहार में डेंगू संक्रमण लगातार फैलता जा रहा है. पिछले दो दिनों के अंदर 12 से अधिक मरीज मिले हैं. 24 घंटे के अंदर सुपौल में दो और पटना में चार नये मरीजों के मिलने की सूचना है. पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में तीन और एनएमसीएच में एक कुल चार मरीज पटना में डेंगू के पाये गये हैं. वहीं सिविल सर्जन डॉ मिथलेश्वर कुमार ने कहा कि पीएमसीएच के माइक्रोबॉयलोजी विभाग में हुई जांच में तीन मरीजों की पुष्टि हुई है. इनमें एक मरीज मुसल्लहपुर हाट, दूसरा भूतनाथ और तीसरा शहर के शिवपुरा इलाके का रहने वाला है. इसके साथ ही पटना जिले में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़कर 28 हो गयी है.
सुपौल में अब तक मिले दो मरीज
सुपौल जिले में डेंगू ने दस्तक दे दी. जिले में इस वर्ष अब तक डेंगू के दो मरीज मिले हैं. स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में डेंगू के सबसे अधिक वर्ष 2023 में 60 मरीज मिले थे. वहीं 2019 में 23 मरीज मिले थे. जबकि वर्ष 2022 में डेंगू के दो मरीज मिले. वर्ष 2020 एवं 2021 में एक भी डेंगू के मरीज नहीं मिले. डेंगू मरीज मिलने के बाद सदर अस्पताल के कमरा नंबर 213 में सिविल सर्जन डॉ ललन कुमार ठाकुर की अध्यक्षता में एक बैठक हुई. बैठक में उन्होंने निर्देश देते कहा कि सभी अपने विभाग के कर्मियों के माध्यम से शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को डेंगू से बचाव को लेकर सरकार द्वारा दिये गये गाइड लाइन के बारे में जानकारी दें.
सुपौल अस्पताल अलर्ट
सुपौल जिले में डेंगू मरीजों के लिए सदर अस्पताल में डेंगू वार्ड बनाया गया है. जहां 10 बेड लगाये गये हैं. वहीं सभी अनुमंडलीय अस्पताल पांच-पांच व पीएचसी में दो-दो बेड का वार्ड बनाया जा रहा है. सिविल सर्जन ने बताया कि डेंगू को लेकर जिले भर के सभी अनुमंडलीय अस्पताल एवं पीएचसी में डेंगू से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी एडवाइजरी को शत प्रतिशत लागू करने को कहा गया है. सभी अस्पतालों में डॉक्टरों की उपस्थिति अनिवार्य कर दी गयी है. स्वाथ्यकर्मियों को अलर्ट मोड पर रहने को कहा गया है.
पांच से सात दिन रहता है बुखार
सुपौल के सीएस ने कहा कि डेंगू एक प्रकार का बुखार है जो वाइरस से होता है. सामान्य रूप से यह 05 से 07 दिनों के भीतर अपने आप ठीक हो जाता है. लेकिन कुछ परिस्थितियों में यह गंभीर रूप धारण कर लेता है. डेंगू के जांच एवं उपचार की सुविधा जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में है. कहा कि घर के आस-पास, घरों के अंदर कूलर, फ्रीज आदि में पानी जमा न होने दे. सप्ताह में एक बार कूलर, फ्रीज आदि का पानी अवश्य बदले. बुखार की स्थिति में रोगी को डॉक्टरों से अवश्य दिखाएं.
मादा एडिज मच्छर के काटने से फैलता है डेंगू
भेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी विपिन कुमार ने बताया कि डेंगू संक्रमित मादा एडिज मच्छर के काटने से फैलता है. एडिज मच्छर प्रायः दिन में काटती है. किसी संक्रमित रोगी को काटने के उपरांत मच्छर भी संक्रमित हो जाता है. एक बार संक्रमित होने के पश्चात मादा एडिज मच्छर जीवन भर संक्रमित रहती है. एक मादा एडीज मच्छर की औसत आयु लगभग तीन सप्ताह होती है. संक्रमित होने के 8 से 11 दिनों के बाद मच्छर दूसरों में रोग प्रसार के लायक हो जाती है. मादा एडीज मच्छर के पैरों तथा पिछले भाग पर सफेद रेखाएं होती है. इसे टाइगर मच्छर के नाम से भी जाना जाता है.
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डेंगू बुखार के लक्षण व बचाव
तेज सिर दर्द, बुखार, मांसपेषियों एवं जोड़ो में दर्द, आंखों के पीछे दर्द, मितली, उल्टी, त्वचा पर चकता होना आदि है. डेंगू के रोगी को पूरी तरह आराम करना चाहिए. शरीर के तापमान को कम रखने के लिए बदन को पानी से भींगे कपड़े को निचोड़ कर शरीर को हर वक्त पोछना चाहिए. तेज बदन दर्द होने पर हल्की दर्द निवारक दवाएं लेनी चाहिए. रोगी के शरीर में पानी की कमी को दूर करने के लिए ओआरएस या घर में बने जीवन रक्षक अथवा अन्य तरल पदार्थ यथा फल, सब्जी का जूस व सूप दें.