Dengue in Bihar: पटना. बिहार में बरसात जनित बीमारी डेंगू का कहर बढ़ने लगा है. पिछले दो दिनों के अंदर बिहार में डेंगू के 20 और मरीज मिले हैं. अकेले पटना में ही 13 मरीज मिले हैं. एनएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में मंगलवार को डेंगू के 14 सैंपल की जांच में चार संक्रमित मिले हैं. विभागाध्यक्ष डॉ प्रो संजय कुमार ने बताया कि बीते पांच दिनों से लगातार डेंगू के मरीज मिल रहे हैं. बीते दो दिनों में पटना जिले में 13 मरीज पाये गये है. इनमें तीन मरीज रविवार व छह सोमवार को पाये गये. संबंधित कुछ मरीजों की पुष्टि पीएमसीएच व एनएमसीएच के माइक्रोबॉयलोजी विभाग व निजी पैथोलॉजी सेंटर में जांच के बाद हुई है. डॉ प्रो संजय कुमार ने बताया कि सोमवर को नालंदा की 40 वर्षीया महिला व 40 वर्षीय पुरुष और पटना सदर के 65 वर्षीय पुरुष की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव मिली. संक्रमित मरीज ओपीडी में इलाज कराने आये थे.
पटना में मंगलवार को मिले चार मरीज
सिविल सर्जन डॉ मिथलेश्वर कुमार ने बताया कि पटना जिले में बीते 24 घंटे के अंदर जिले में चार डेंगू के मरीज मिले हैं. इसमें बहादुरपुर में एक, कंकड़बाग में एक, संदलपुर में एक और एक मरीज अन्य जगह से मिला है. इससे पहले सोमवार को नालंदा की 40 वर्षीया महिला, पटना सदर का 60 वर्षीय बुजुर्ग और दानापुर का 17 वर्षीय किशोर में डेंगू की पुष्टि हुई थी. सभी मरीज खतरे से बाहर हैं और उनका इलाज घर पर ही चल रहा है. इसके अलावा आइजीआइएमएस, पीएमसीएच और एनएमसीएच सहित राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं सभी जिलों के अस्पतालों में डेंगू के लिए सुरक्षित बेड के साथ दवा की व्यवस्था की गयी है.
पूर्णिया में दो मरीजों की पुष्टि से अलर्ट हुआ स्वास्थ्य विभाग
पूर्णिया में भी डेंगू के संक्रमण का फैलाव देखा जा रहा है. जिले में दो मरीजों में डेंगू के मामले पॉजिटिव पाये जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग बेहद सक्रिय हो गया है. इसकी ख़ास वजह यह भी है कि इन दोनों ही मरीजों का हाल फिलहाल में किसी प्रकार की कोई ट्रेवल हिस्ट्री भी नहीं है. जिले में डेंगू के दो मरीजों की पहचान किये जाने के बाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में विशेष तैयारी की गयी है जिसमें डेंगू पीड़ितों के लिये दस बेड सुरक्षित रखे गये हैं जहां उनके आवासन एवं उपचार की व्यवस्था की गयी है. साथ ही जीएमसीएच में विशेष रूप से जलजमाव एवं साफ़ सफाई की व्यवस्था पर और भी ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है. निचले भागों से जलनिकास के लिए पम्प की व्यवस्था की गयी है.
क्या है डेंगू बुखार
डेंगू बुखार एक रोग है जो डेंगू वायरस से संक्रमित मच्छर के काटने से फैलती है. यह एक विशेष प्रकार के एडीस मच्छर से फैलने वाला संक्रमण है. यह मच्छर जब किसी डेंगू पीड़ित मरीज को काटने के बाद किसी स्वस्थ मरीज को काटती है तो संक्रमण का फैलाव होने लगता है. कई मामलों में इसके हल्के से लेकर गंभीर असर वाले मामले भी होते हैं. आम तौर पर इसके लक्षण फ़्लू से मिलते जुलते हैं. चिकित्सकों के अनुसार डेंगू बुखार में मरीज के खून में प्लेटलेट्स की संख्या काफी कम हो जाती है. डेंगू संक्रमण के कई लक्षण शरीर पर दिखाई पड़ते हैं इनमें तेज बुखार, उल्टी, पूरे शरीर में अत्यधिक दर्द प्रमुख हैं. लेकिन सिर्फ लक्षणों के आधार पर ही डेंगू का संक्रमण नहीं माना जा सकता इसके लिए रक्त की जांच जरुरी है. रैपिड एंटीजेन और एलिजा टेस्ट के द्वारा इसकी पहचान की जाती है. परहेज, दवा एवं पौष्टिक भोजन के द्वारा कुछ समय बाद मानव शरीर में डेंगू का प्रभाव धीरे धीरे समाप्त हो जाता है.
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बचाव के उपाय
- घरों और आसपास की साफ़ सफाई जरुरी है
- कहीं भी जलजमाव न हो
- एसी, कूलर, फ्रीज ट्रे आदि में पानी जमा न होने दें
- सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग जरुर करें
- मच्छर मक्खियों को पनपने से रोकें
डेंगू के संभावित लक्षण
- तेज बुखार का रहना,
- मरीज को ठण्ड लगना
- जोड़ों, पीठ, सिर, पेट या मांसपेशी में दर्द
- त्वचा पर लाल चकत्ता अथवा धब्बा हो जाना
- बार बार उल्टी का होना
- थकान और बेचैनी होना
- रक्तचाप का तेजी से गिरना
डेंगू होने पर मरीज का आहार विहार
- डेंगू की पुष्टि होने पर मरीज को आरामदायक स्थिति में रखने की जरुरत होती है
- मरीज को मच्छरदानी के अन्दर रखें ताकि इसके वायरस को फैलने से रोका जा सके
- मरीज को सुपाच्य भोजन ही देना चाहिए
- शुद्ध पेयजल की पर्याप्त मात्रा का सेवन जरुरी है
- ताजी सब्जियों के सूप, जूस, नींबू पानी, नारियल पानी लाभदायक हैं
- संतरा, चुकंदर, पपीता एवं उसकी पत्तियों के रस का सेवन फायदेमंद है.