पटना जिले में डेंगू अब महामारी का रूप लेने लगा है. यहां एक साल के बच्चे से लेकर 80 साल तक के बुजुर्ग डेंगू के शिकार होने लगे हैं. आलम यह है कि पटना सिटी से लेकर दानापुर-फुलवारी शरीफ, दीघा और जक्कनपुर – खेमनीचक तक में डेंगू का प्रकोप है. बांकीपुर अंचल का तो कोई भी हिस्सा इसके प्रकोप से अछूता ही नहीं बचा है.
राजधानी पटना के कंकड़बाग, पटना सिटी, राजेंद्रनगर, दीघा, इंद्रपुरी, पुनाईचक, राजेंद्रनगर, महेंद्रू, भिखना पहाड़़ी, जीएम रोड, नया टोला, कदमकुआं, चित्रगुप्त नगर, भागवत नगर, ट्रांसपोर्ट नगर, सरिस्ताबाद, बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी, भूतनाथ रोड, रामनगरी, शास्त्रीनगर, पटेलनगर, राजा बाजार, बुद्धा कॉलोनी समेत चार दर्जन से अधिक मोहल्लों में डेंगू का प्रकोप फैला हुआ है. यहां के कई घरों में परिवार के कई सदस्य डेंगू संक्रमित पाये जा रहे हैं. सूत्रों की माने तो जिले में रोजाना 100 से अधिक मरीज डेंगू प्राइवेट अस्पतालों में मिल रहे हैं.
शहर के प्राइवेट व सरकारी अस्पताल में डेंगू पीड़ित कुल 13 बच्चे भर्ती हैं. जिनकी उम्र 1 साल से 10 साल के बीच की है. वहीं अगर सरकारी-निजी अस्पतालों व चिकित्सकों के क्लीनिकों में देखें तो यहां प्रतिदिन औसतन 100 से अधिक डेंगू संक्रमित मरीज पहुंच रहे हैं. इसके अलावा निजी जांच लैबों में भी बुखार पीड़ितों की जांच रिपोर्ट में लगभग एक चौथाई डेंगू पॉजिटिव आ रहे हैं.
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पटना के बड़े निजी अस्पतालों से लेकर छोटे क्लीनिकों में ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं. अलग-अलग निजी अस्पतालों की पड़ताल करने पर डेंगू मरीजों की संख्या अधिक बढ़ जायेगी. बावजूद इसके सिविल सर्जन कार्यालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार राजधानी में डेंगू पीड़ितों की संख्या 500 के आसपास है. हालांकि राहत की बात यह है कि अभी तक डेंगू से किसी की जान नहीं गयी है.