Loading election data...

पटना में मच्छर भगाने के लिए डायल करें 155304, जानें सेहत बिगाड़ रहे डेंगू के रोकथाम एवं बचाव के उपाय

बारिश के सीजन में मच्छरों से बचाव करने और घर के आसपास साफ-सफाई रखने की जरूरत है. घर के आसपास पानी जमा नहीं होने दें. क्योंकि साफ जमा पानी में ही डेंगू के मच्छर पनपते हैं. एडीज मच्छर खुले और साफ पानी में लगभग 16 डिग्री सेल्सियस के आसपास तापमान में अंडे देते हैं.

By Anand Shekhar | September 10, 2022 4:39 PM

राजधानी पटना का कई इलाका इन दिनों डेंगू हॉट स्पॉट बना हुआ है. जिले में रोजाना 10-12 मरीज मिल रहे हैं. जबकि प्राइवेट अस्पतालों में इसकी संख्या और अधिक है. बीते एक महीने में डेंगू का आंकड़ा 120 के पार पहुंच गया है. वहीं शहर के पीएमसीएच व एनएमसीएच के डेंगू वार्ड में कुल भर्ती मरीजों की संख्या नौ है, जिनका इलाज चल रहा है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने आशंका जाहिर की है कि वर्तमान में ‘डी-2’ स्ट्रेन की वजह से डेंगू फैल रहा है. हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हो पायी है. डॉक्टरों का कहना है कि सही समय पर टेस्ट और इलाज कराने से मरीज इसे मात दे सकते हैं.

चिकित्सकों के मुताबिक बारिश के सीजन में मच्छरों से बचाव करने और घर के आसपास साफ-सफाई रखने की जरूरत है. घर के आसपास पानी जमा नहीं होने दें. क्योंकि साफ जमा पानी में ही डेंगू के मच्छर पनपते हैं. एडीज मच्छर खुले और साफ पानी में लगभग 16 डिग्री सेल्सियस के आसपास तापमान में अंडे देते हैं. इसके साथ ही डेंगू के मच्छर लिफ्ट और दूसरे साधनों से किसी भी ऊंचाई तक पहुंच सकते हैं और वहां अंडे देकर बीमारी को फैला सकते हैं. इससे डेंगू ही नहीं बल्कि मलेरिया व चिकनगुनिया जैसी बीमारी की आशंका रहती है.

इन मोहल्लों से मिल रहे रोजाना मरीज

गौरतलब हो कि पिछले सप्ताह जिले में सबसे अधिक 14 डेंगू के मरीज मिले थे. जानकारी के अनुसार रामकृष्ण नगर, अशोक नगर, बिस्कोमान कॉलोनी, कुम्हरार, पटना सिटी, कंकड़बाग, चित्रगुप्त नगर, बहादुरपुर, बाजार समिति, सैदपुर, मालसलामी, महेंद्रू, रामनगरी, रूपसपुर, आरपीएस मोड़, गोला रोड, दानापुर, शास्त्री नगर, पटेल नगर, पुनाईचक, दानापुर, पाटलिपुत्र आदि मोहल्लों में डेंगू का प्रकोप है. इन मोहल्लों से डेंगू के पीड़ित मिलने लगे हैं.

सिर्फ हवा में चल रहा कई अभियान

मच्छरों को मारने के लिए नगर निगम गंभीर नहीं है. रुक-रुक के बारिश हो रही है, और कई इलाकों में फॉगिंग मशीन का इस्तेमाल बंद कर दिया गया है. इससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ने लगा है. डेंगू के खिलाफ अभियान में सबसे बड़ा रोल हाइ रिस्क वाले इलाकों का है. इससे लोगों की जान पर बन आयी है. स्थानीय लोग डेंगू के प्रकोप से परेशान हैं. उनका कहना है कि यहां पर कोई भी ध्यान देने वाला नहीं है. डेंगू से बचाव को लेकर अधिकांश मोहल्लों में जागरूकता वाहन भी नहीं चलायी जा रही हैं.

ऐसे समझें वायरल बुखार और डेंगू में अंतर

  1. फिजिशियन डॉ एनपी नारायण ने बताया कि बारिश के मौसम में अक्सर मच्छर से होने वाली बीमारियां बढ़ने लगती हैं. ऐसे में अगर आपको बुखार आता है, तो इसे आम वायरल बुखार समझकर नजरअंदाज न करें और फौरन जांच करवाएं. डेंगू और वायरल बुखार दोनों बेहद अलग तरह की बीमारियां हैं. वायरल बुखार तीन से पांच दिनों तक रहता है, जिसमें ठंड लगना और शरीर में दर्द रहता है. ये बुखार जितनी जल्दी चढ़ता है, उतनी ही जल्दी उतर भी जाता है. यह या तो संक्रमित व्यक्ति द्वारा हवा में छींक या खांसी से छोड़ी गई बूंदों से होता है या किसी संक्रमित चीज को छू लेने से.

  2. वहीं, डेंगू का बुखार काफी अधिक जटिल है. यह टाइगर मच्छर (एडीज इजिप्टी) द्वारा फैलता है. मच्छर में काली और पीली धारियां होती हैं और यह आमतौर पर सुबह या भोर में काटते हैं. इनका वायरस सफेद रक्त कोशिकाओं में प्रवेश करता है और प्रजनन करता है. वायरस के पांच अलग-अलग प्रकार हैं, जिनमें से प्रत्येक की गंभीरता बढ़ती है. डेंगू वायरस संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने या छूने से नहीं फैलता. डेंगू में बुखार काफी तेज होता है, मांसपेशियों और हड्डियों में बहुत दर्द होती है. यह बुखार कम से कम सात दिनों तक रहता है.

डेंगू हो, तो कराएं ये टेस्ट

वरीय फिजिशियन डॉ बिमल राय कहते हैं, जागरूकता ही डेंगू से बचाव है. क्योंकि इस बीमारी का स्पेशल कोई वैक्सीन या दवा नहीं है. इसमें भी कोविड की तरह लक्षणों का इलाज होता है. ऐसे में विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लेकर ही ट्रीटमेंट करना चाहिए. इसमें मरीज को पर्याप्त आराम की जरूरत होती है. इसके अलावा तरल पदार्थ ज्यादा मात्रा में लेने चाहिए. डेंगू का पता लगाने के लिए सबसे विश्वसनीय जांच एलाइजा टेस्ट है.

Also Read: BJP ने तैयार किया 15 दिनों का प्लान, पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर 2 अक्टूबर तक मनायेगी सेवा पखवारा
डेंगू के लक्षण

  • सिरदर्द

  • मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द

  • उल्टी

  • जी मिचलाना

  • आंखों में दर्द होना

  • त्वचा पर लाल चकत्ते होना

डेंगू के रोकथाम एवं बचाव के उपाय

  • घरों के आसपास पूर्ण साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करें.

  • कचरे को अपने घर में इकट्ठा न होने दें, इसे उचित स्थान पर फेंके

  • घरों के कूलर, टैंक, ड्रम, बाल्टी आदि से पानी खाली करें व साफ रखें

  • कूलर का उपयोग नहीं होने की दशा में उसका पानी पूरी तरह खाली करें

  • टीन के डिब्बे, कांच एवं प्लास्टिक की बोतल, नारियल के खोल, पुराने टायर घर में न रखें

  • फ्रिज के ‘ड्रिप-पैन’ से पानी प्रतिदिन खाली करें.

  • पानी संग्रहित करने वाले टंकी, बाल्टी, टब आदि सभी को हमेशा ढंककर रखें.

  • घर में तथा आसपास साफ-सफाई अभियान के रूप में किए जाने के लिए लोगों को जागरूक किया जाए

Next Article

Exit mobile version