पहली अप्रैल से निर्माण कार्यों की जिम्मेदारी से मुक्त होंगे डीइओ
राज्य के विद्यालयों सहित अन्य शैक्षणिक भवनों आदि के निर्माण कार्यों की जिम्मेदारी से जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीइओ) जल्दी ही मुक्त कर दिये जायेंगे.
संवाददाता, पटना राज्य के विद्यालयों सहित अन्य शैक्षणिक भवनों आदि के निर्माण कार्यों की जिम्मेदारी से जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीइओ) जल्दी ही मुक्त कर दिये जायेंगे. सिविल कार्यों की जिम्मेदारी से उन्हें हटा दिया जायेगा. आगामी वित्तीय वर्ष से सभी तरह के निर्माण कार्य बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम (बीएसइआइडीसी) के माध्यम से ही कराया जायेगा. एक अप्रैल, 2025 से यह व्यवस्था लागू कर दी जायेगी. इसके साथ ही विभाग आउट सोर्स के आधार पर नियुक्त कर्मियों की सेवा पहली अप्रैल से नहीं लेगा. डीइओ के साथ हाल ही में आयोजित समीक्षा बैठक में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने इस आशय के निर्देश जारी किये हैं. इन कार्यों से मुक्त होने पर डीईओ पूरा समय बच्चों के पठन-पाठन प्रबंध पर फोकस कर सकेंगे. आधिकारिक जानकारी के अनुसार वर्तमान में 50 लाख रुपये से अधिक की लागत के निर्माण निगम के माध्यम से कराये जाते रहे हैं. 50 लाख रुपये से कम के निर्माण कार्य जिला स्तर पर किये जा रहे हैं. इन निर्माण कार्यों की जिम्मेदारी डीइओ सौंपते रहे हैं. वहीं छोटे-मोटे निर्माण कार्य, जिनमें अतिरिक्त कमरों, शौचालयों आदि का निर्माण शामिल हैं, उसे विद्यालय स्तर पर भी कराया जाता है.इसके लिए विद्यालय शिक्षा समिति गठित है. विद्यालय शिक्षा समिति की तरफ से किये जाने वाले निर्णय भी निगम के माध्यम से कराये जायेंगे. निर्माण कार्यों के लिए जिला स्तर पर डीइओ के नियंत्रण में चलने वाला इंजीनियरिंग सेल भंग हो जायेगा. जानकार बता रहे हैं कि इंजीनियरिंग सेल के लिए बीएसइआइडीसी की शाखा प्रत्येक जिले में स्थापित की जायेगी. हालांकि इस मामले में आधिकारिक चिठ्ठी जारी होना बाकी है. जिला और प्रखंड स्तर पर आउटसोर्सिंग पर नियुक्त किये गये सभी कर्मचारियों को 31 मार्च, के बाद हटा दिये जायेंगे. इसमें बीपीएम (ब्लॉक प्रोग्राम मैंनेजर) और डीपीएम (डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम मैनेजर ) शामिल हैं. एक तरह से उन्हें टर्मिनेट कर दिया जायेगा. आधिकारिक निर्णय होना बाकी है. विद्यालयों के निरीक्षण कार्य के लिए नियोजित किये गये कर्मियों को लेकर पदाधिकारियों की बैठक में कहा गया है कि एक महीने का नोटिस देकर 31 मार्च के प्रभाव से इन्हें हटाया जायेगा.
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