संवाददाता, पटना अप्रैल की तुलना में मई में कम जीएसटी संग्रह होने के बाद वाणिज्य कर विभाग की समीक्षा में कई क्षेत्रों में जीएसटी वूसली का निर्णय लिया गया. खासकर के रियल एस्टेट और सेवा क्षेत्र से जीएसटी की वसूली का दायरा बढ़ाने का निर्णय लिया गया. वाणिज्य-कर विभाग ने इस दिशा में प्रयास शुरू कर दिया है. नये वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के दौरान लोकसभा चुनाव होने के कारण प्रशासन एवं अधिकारियों को चुनाव कार्य में लगे होने के कारण इसमें तेजी नहीं आ सकी थी. लेकिन चुनाव समाप्त होने के बाद अब नये सिरे से करदाताओं को चिन्हित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. उल्लेखनीय है कि वाणिज्य-कर विभाग के कुल राजस्व संग्रह में जीएसटी का योगदान 78 फीसदी है. इसमें वैट का योगदान 20 फीसदी है.जबकि विद्युत शुल्क का 1.50 फीसदी एवं पेशा कर का 0.50 फीसदी हिस्सेदारी है. विभाग द्वारा जिन नॉन-जीएसटी वस्तुओं पर टैक्स की वसूली की जा रही है, उनमें पेट्रोल, डीजल, प्राकृतिक गैस, एटीएफ सबसे महत्वपूर्ण है. इन पर वैट की वसूली की जाती है. वहीं, विद्युत शुल्क की वसूली भी जीएसटी से बाहर है और इसकी वसूली विद्युत शुल्क अधिनियम के तहत वसूल किया जाता है. जबकि,पेशा कर की वसूली वाणिज्य-कर विभाग द्वारा ही की जाती है. इससे औसतन 150 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष की वसूली की जाती है. वाणिज्य कर विभाग के लिए पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 की तुलना में वित्तीय वर्ष 2024-25 में तीन हजार करोड़ अधिक राजस्व संग्रह का लक्ष्य तय किया गया है. वित्तीय वर्ष 2023-24 विभाग को 39550 करोड़ का लक्ष्य दिया गया था, जिसे बढाकर चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 42500 करोड़ कर दिया गया है.
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