पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि वैश्विक महामारी कोरोना को रोकने के लिए 24 मार्च, 2020 से लॉकडाउन लागू है. इन दौरान किन्हीं कारणों से अनुपस्थित रहने वाले नियमित सरकारी कर्मियों को बड़ी राहत देते हुए मार्च-अप्रैल के उनके वेतन भुगतान का निर्णय लिया गया है. संविदा और ऑउटसोर्स के तहत काम करने वाले कर्मियों को भी लॉकडाउन की अवधि का उनकी नियुक्ति की शर्तों के अधीन वेतन भुगतान का पहले ही निर्णय लिया जा चुका है.
उन्होंने कहा कि वैसे कर्मी जो प्रतिदिन लोकल ट्रेन से यात्रा कर सचिवालय आते थे, उन्हें 3 मई तक उपस्थिति से छूट दी गयी है. ऐसे कर्मी लॉकडाउन के दौरान भी उपस्थित माने जायेंगे. इसके अलावा सरकारी कार्य से भ्रमण पर गये और 24 मार्च से लॉकडाउन लागू होने की वजह से मुख्यालय से बाहर रहे कर्मियों को भी उपस्थित माना जायेगा.
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि वैसे कर्मी, जो विधिवत मुख्यालय छोड़ने की अनुमति लेकर अथवा अवकाश स्वीकृत कराकर लॉकडाउन से पहले बाहर गये और अचानक लॉकडाउन की घोषणा के कारण सामान्य परिवहन का साधन नहीं मिलने के कारण अगर मुख्यालय में उपस्थित नहीं हो सके, तो उन्हें भी उपस्थित माना जायेगा. परंतु अगर बिना अवकाश स्वीकृत कराये और बिना अनुमति लिये मुख्यालय से बाहर रहने वाले कर्मियों को मुख्यालय वापस आने और नियमानुसार अनुमान्य अवकाश स्वीकृत कराने के बाद ही लॉकडाउन अवधि का वेतन भुगतान किया जायेगा. वही, लॉकडाउन अवधि में अपने निर्घारित मुख्यालय में उपस्थित रहने वाले वैसे सभी कर्मियों को जो भले ही प्रत्येक कार्यदिवस को निर्धारित अवधि में कार्यालय में उपस्थित नहीं रहे हो, को वेतन का भुगतान किया जायेगा.