Loading election data...

पटना नगर निगम चुनाव में कम वोटिंग से उलझा जीत का गणित, अप्रत्याशित होगा डिप्टी मेयर का चुनावी परिणाम

मेयर व डिप्टी मेयर पद महिला के लिए आरक्षित होने के बावजूद महिला मतदाता वोट करने में पीछे रहीं. महिला वोटरों की संख्या आठ लाख 23 हजार 843 होने के बावजूद सिर्फ 32.17 फीसदी महिलाओं ने ही वोट किया. मेयर व डिप्टी मेयर महिला होने के बाद भी महिला वोटरों का उत्साह काफी कम था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 29, 2022 2:00 AM

अनिकेत त्रिवेदी, पटना: पटना नगर निगम चुनाव में बुधवार को हुई कम वोटिंग से उम्मीदवारों की जीत के गणित का पूर्वानुमान गड़बड़ा गया है. खासकर मेयर व डिप्टी मेयर के चुनावी परिणाम को लेकर पूर्व से अनुमान लगाना काफी कठिन हो रहा है. नगर निगम चुनाव के जानकार बताते हैं कि मेयर पद के लिए दोपहर बाद हुए वोटों के ध्रुवीकरण के कारण इस बात का पूर्वानुमान अधिक है कि सीता साहू या महजबीं के बीच मुकाबला हो, लेकिन डिप्टी मेयर पद के लिए किन-किन उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है, इसका पूर्वानुमान नहीं लगाया मुश्किल हो रहा है.

अधिकतर बूथों पर मतदाता डिप्टी मेयर के उम्मीदवारों का नाम तक नहीं जान रहे थे. केवल इस बात से डिप्टी मेयर पद के लिए वोटिंग हो रही थी कि तीन जगहों पर इवीएम दबाना है. फलां वार्ड पार्षद और मेयर उम्मीदवार अपनी पसंद की हैं. बीच में डिप्टी मेयर के वोट का भी इवीएम है, तो दबा दिया जाये.

आरक्षण के बाद भी महिलाओं की वोटिंग कम

मेयर व डिप्टी मेयर पद महिला के लिए आरक्षित होने के बावजूद महिला मतदाता वोट करने में पीछे रहीं. महिला वोटरों की संख्या आठ लाख 23 हजार 843 होने के बावजूद सिर्फ 32.17 फीसदी महिलाओं ने ही वोट किया. मेयर व डिप्टी मेयर महिला होने के बाद भी महिला वोटरों का उत्साह काफी कम था. दूसरी तरफ महिला उम्मीदवारों ने पूरे शहर प्रचार के लिए डोर टू डोर कैंपेन नहीं चलाया. सीधा संपर्क नहीं होने कारण महिलाएं अधिक उत्सुक नहीं थीं.

Also Read: बिहार नगर निकाय चुनाव के दूसरे चरण में पुरुषों से अधिक रही महिलाओं की भागीदारी, मतगणना कल
इन कारणों से कम हुई वोटिंग प्रतिशत

  • चुनाव को लेकर कई बार संशय की स्थिति बनी, इसलिए उम्मीदवारों को प्रचार का समय कम मिला.

  • वर्ष के अंतिम माह के अंतिम सप्ताह होने के कारण बड़ी संख्या में लोग छूट्टी मनाने बाहर चले गये.

  • पहले से मेयर को लेकर कोई एक या दो पक्ष सीधे लड़ाई में नहीं लग रहा था.

  • सुधार के बाद भी विकास व सफाई को लेकर नगर निगम या मेयर की छवि अच्छी नहीं रही है.

  • अचानक मौसम में बदलाव आया और ठंड बढ़ी, तो वोटर घर से निकलने में हिचकने लगे.

Next Article

Exit mobile version