गर्मी में शरीर को ठंडा रखेंगे ये देसी ड्रिंक्स, सेहत भी रहेगी सलामत

गर्मी के मौसम में चिलचिलाती धूप, पसीना और सूरज की तपिश से हर किसी का बुरा हाल है. इस मौसम में डिहाइड्रेशन, लू लगना और हीट स्ट्रोक का सबसे ज्यादा खतरा रहता है. जाहिर है इन दिनों शरीर को ठंडा रखने के लिए लोग तरह-तरह के ठंडे पेय पदार्थों और चीजों का खूब सेवन करते हैं. ऐसे में आज हम आपको अपने शहर में रहने वाले विभिन्न समुदाय के लोगों से रूबरू करा रहे हैं, जो अपनी-अपनी संस्कृति के हिसाब से खुद को हाइड्रेट रखने के लिए देसी ड्रिंक्स तैयार कर पी रहे हैं.

By Anand Shekhar | April 28, 2024 6:25 AM
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जूही स्मिता, पटना.

Summer Drinks : गर्मी में इलेक्ट्रोलाइट युक्त तरल पदार्थ शरीर को हाइड्रेट रखने और प्रतिरक्षा को मजबूत करने में सहायता करते हैं. ऐसे में शहर के विभिन्न क्षेत्र, समाज और संस्कृति के रहने वाले लोग अपनी-अपनी संस्कृति से जुड़े पेय पदार्थों को खुद से बनाकर पी रहे हैं और हीट को बीट कर रहे हैं. इन पेय पदार्थों की खासियत है कि वे न सिर्फ शरीर में प्रचुर मात्रा में पानी की कमी को पूरा करते हैं, बल्कि आपको स्वस्थ रखने में भी मदद करते हैं.

जैसे छाछ में पानी की मात्रा अधिक होती है, इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होती और आप डिहाइड्रेशन से बचे रहते हैं. छाछ में विटामिन डी, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स होता है, जो हड्डियों, दांतों को स्वस्थ बनाता है. उसी तरह बेल की शरबत की तासीर ठंडी होने की वजह से यह गर्मियों में बॉडी को कुल रखने के साथ हाइड्रेटेड भी रखते हैं.

अलग-अलग समाज के लोग हाइड्रेटेड ड्रिंक्स बनाकर शरीर को रख रहे ठंडा

1. महाराष्ट्रियन बना रहे सोल कढ़ी, ताक व कोकम शरबत

पटना में महाराष्ट्र की रहने वाली संगीता भोंसले बताती हैं कि जिस तरह से पारा चढ़ रहा है, वे अपने घर पर महाराष्ट्र में बनने वाले कई देसी पेय पदार्थों को खुद से तैयार करती हैं. वे कहती हैं, गर्मी में सोलकढ़ी, ताक, कोकम शरबत, पीयूष जैसे कई पेय पदार्थ हम लोग तैयार करते हैं. महाराष्ट्र में छांछ को ‘ताक’ बोला जाता है. यह ग्रीष्मकालीन पेय पदार्थ है, जो आपके पेट को ठंडा रखता है.

इसी तरह गोवा व महाराष्ट्र में लोकप्रिय एक अन्य पेय, कोकम शरबत, सूखे कोकम को गर्म पानी में तब तक मिलाकर बनाया जाता है जब तक कि यह नरम न हो जाए. इस ठोस अवशेष को छलनी से छान लिया जाता है और चीनी घुलने तक उबाला जाता है. जबकि महाराष्ट्र में एक और लोकप्रिय, सोल कढ़ी एक मीठा और तीखा पेय है, जो नारियल के दूध, कोकम और अन्य सामग्रियों का उपयोग करके बनाया जाता है.

2. मिथिला में नींबू व बेल शरबत का होता है ज्यादा सेवन  

मधुबनी की रहने वाली प्रतिभा मिश्रा बताती हैं, मिथिलांचल के लोग नींबू शरबत और बेल के शरबत का गर्मी में खूब सेवन करते हैं. घर में कोई मेहमान आता है, तो उन्हें सबसे पहले हम यही देते हैं. यहां अक्षय तृतीया पर नींबू पानी पिलाने की परंपरा है. इससे आपके शरीर को पानी की कमी नहीं होती.

नींबू पानी वजन को कंट्रोल करने में मदद करता है. यह शरीर को ताजगी और ऊर्जा देता है. वहीं बेल के शरबत में प्रोटीन, बीटा-कैरोटीन, थायमीन, राइबोफ्लेविन और विटामिन सी जैसे कई पोषक तत्व पाये जाते हैं, जो शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करते हैं. इसके सेवन से गैस, कब्ज और अपच की समस्या में आराम मिलता है.


3. असम के लोग गर्मियों में खूब पिते हैं थेकेरा टेंगा शरबत  

असम की रहने वाली जूतिका ककाती बताती हैं कि उनकी संस्कृति में गर्मी के मौसम में ‘काजी नेमूर शरबत’ और ‘थेकेरा टेंगा शरबत’ का खूब सेवन किया जाता है. असम में जो नींबू मिलता है, उसका साइज यहां के नींबू से थोड़ा बड़ा होता. इसे नमक और चीनी देकर बनाते हैं.

वहीं थेकेरा टेंगरा शरबत वहां पर मिलने वाले फल जो कि संतरा से थोड़ा बड़े आकार होता है, उसे काटकर धूप में सुखाया जाता है. फिर इसे पानी में मिलाकर शरबत तैयार किया जाता है, जिसका स्वाद खट्टा-मीठा होता है. यह शरीर में पानी की मात्रा को बरकरार रखता है और पेट के लिए लाभदायक होता है.

4. अग्रवाल समाज के लोगों को भाता है आम पन्ना

अग्रवाल समाज की तनुजा अग्रवाल कहती हैं, जब भी बात आती है गर्मियों की ड्रिंक्स की, तो कच्चे आम से बने हरे ड्रिंक को कौन भूल सकता है. गर्मी के मौसम में हमारे यहां आम पन्ना खूब बनता है, जो कच्चे आम से बनाया जाता है. इसे लगभग हर कोई गर्मियों में पसंद करता है. इसे पीने से शरीर का तापमान मेंटेन रहता है.

हमारे यहां गर्मियों में हर दिन आम पन्ना, बेल का शरबत और आमरस बनाया जाता है. आमरस व आम पन्ना लू से बचाता है. शुगर लेवल को कम करता है और एसिडिटी से राहत दिलाता है. यह विटामिन-सी का अच्छा स्रोत होता है, जो इसे इम्यूनिटी बूस्टिंग ड्रिंक बनाता है.  

5. गर्मी में हर बिहारियों का एनर्जी ड्रिंक है चने की सत्तू

रामकृष्णा नगर की रहने वाली रेखा गुप्ता कहती हैं, अपने बिहार में खाने-पीने की काफी विविधता है. यहां के कई डिश व ड्रिंक्स देश ही नहीं विदेशों में भी लोग बड़े चाव से खाते व पीते हैं. वे कहती हैं, गर्मी के मौसम में तो हर बिहारियों का एनर्जी ड्रिंक चने की सत्तू की शरबत होती है. क्योंकि चने की सत्तू को सुपरफूड की कैटेगरी में गिना जाता है.

खास कर गर्मी के दिनों में सत्तू को लोग अमृत से कम नहीं मानते हैं. लोगों का ऐसा मानना है कि इसके सेवन से लू से बचाव होता है. ये प्रोटीन, फाइबर,आयरन, कैल्शियम, मैंगनीज और मैग्नीशियम से भरपूर होता है. इसलिए इसे संपूर्ण भोजन भी कहा जाता है. ये पाचन तंत्र के लिए भी फायदेमंद होता है.

6. गर्मी में कंठ को तर करता है रूह अफजा

आरपीएस मोड़ की रहने वाली नजमा खातुन कहती हैं, गर्मियों में रूह अफजा हर दिन बनाती हूं. रूह अफजा पीने से लू लगना, बुखार, शरीर की गर्मी, बहुत प्यास लगना, गर्मी से थकान, ज्यादा पसीना आना जैसी दिक्कतों में आराम मिलता है. इसमें शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) से बचाव करने वाले तत्व सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम, सल्फर, फास्फोरस आदि होता है. इसे पीने से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है, जिससे शरीर में खून की मात्रा बढ़ती है जिससे आप ज्यादा सक्रिय, ऊर्जावान महसूस करते हैं. 

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