प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में गड़बड़ी रोकने तथा अपात्रों की छंटनी करने के लिए आवेदनों के लिए नयी व्यवस्था लागू की गयी है. योजना में वही रैयत किसान पात्र होंगे जिनका जन्म एक फरवरी 2001 से पहले हुआ है. नये आवेदन ही नहीं, आवेदन खारिज होने के बाद पुनर्विचार के लिए भी अब नयी व्यवस्था में ही आवेदन लिये जायेंगे. रैयत किसान के पास जमाबंदी का होना जरूरी है.
आवेदन के समय राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के डेटाबेस में उपलब्ध जमीन विवरणी प्रदर्शित नहीं होने की स्थिति में आवेदक ऑनलाइन आवेदन नहीं कर सकेंगे. ऑनलाइन आवेदन से पूर्व आवेदक को अपनी जमीन का विवरण राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के डेटाबेस में अपडेट कराना होगा. कृषि निदेशक ने सभी डीएम, अपर समाहर्ता (राजस्व) अंचलाधिकारी को इस संबंध में पत्र लिखा है.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना अंतर्गत राज्य स्तर पर गठित अनुश्रवण एवं शिकायत निवारण समिति की बैठक की गयी थी. इसमें विस्तार से दिशा निर्देश तय किये गये हैं. पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ खेती योग्य भूमि पर ही दिया जाना है. रैयत किसान परिवार का अर्थ पति, पत्नी एवं अवयस्क बच्चे माने गये हैं. योजना में वही रैयत किसान पात्र होंगे, जो एक फरवरी, 2001 से पहले पैदा हुए हैं. इसके लिए डीबीटी कोषांग द्वारा नये मॉड्यूल को विकसित किया गया है.
नये आॅनलाइन आवेदन के सत्यापन में समय-सीमा भी तय कर दी गयी है. कृषि समन्वयक स्तर पर 14 दिनों में आवेदन का निस्तारण कर दिया जायेगा. अंचलाधिकारी एवं अपर समाहर्ता (राजस्व) को 30-30 दिन मिलेंगे. पुनर्विचार के ऑनलाइन आवेदन का सत्यापन जिला कृषि पदाधिकारी, अंचलाधिकारी एवं अपर समाहर्ता (राजस्व) को 60 दिनों में करना होगा. तीनों अफसरों को आवेदन के सत्यापन के लिए 20- 20 दिन मिलेंगे.
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पर्चा, आबादी की भूमि , सरकारी भूमि , बिना सर्वे वाली जमीन, वासगीत पर्चा, संस्थागत, टोपो लैंड जैसी भूमि पर इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा. आवेदनों का सत्यापन डीबीडी कृषि सत्यापन एप से किया जायेगा. कृषि समन्वयक, जिला कृषि पदाधिकारी, अंचलाधिकारी एवं अपर समाहर्ता (राजस्व) स्तर पर सत्यापन भी इसी एप से किया जायेगा.