आयोजन. पटना वीमेंस कॉलेज के वार्षिकोत्सव में पहुंचे राज्यपालसंवाददाता, पटना
स्त्रियों को शिक्षित करके ही हम शांतिपूर्ण, सहिष्णुतापूर्ण, न्यायपूर्ण और बेहतर दुनिया का निर्माण कर सकते हैं. जिस समाज ने बेटियों को बेटों के बराबर अवसर उपलब्ध कराया, वह अधिक समृद्ध और विकासशील है. स्त्रियों की शिक्षा के बिना समाज का विकास नहीं हो सकता है. ये बातें रविवार को पटना वीमेंस कॉलेज में आयोजित वार्षिकोत्सव में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहीं. उन्होंने भगवत गीता के श्लोक का संदर्भ लेते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण पूर्णावतार होने के बावजूद कठिन परिस्थितियों में राधा के पास गये. हम महिलाओं की स्थिति पर विचार करते हैं तो दुनिया के हर क्षेत्र में सशक्त, आत्मविश्वासी महिलाओं को देखते हैं. समारोह में पीयू के कुलपति प्रो अजय कुमार सिंह ने कहा कि प्रगति पथ पर अग्रसर होने के लिए बड़ा लक्ष्य, दृढ़ इच्छा शक्ति, शिक्षक व माता-पिता की महत्वपूर्ण भूमिका अनिवार्य है. साथ ही बच्चों को रूचि अनुसार विषय-चयन करने का संदेश दिया. पीडब्ल्यूसी का गौरवशाली स्थान कॉलेज की प्राचार्या डॉ सिस्टर एम रश्मि एसी ने कहा कि पीडब्ल्यूसी ने शैक्षणिक मानचित्र पर अपना गौरवशाली स्थान बनाया है. शिक्षकों और प्रबंधन के अथक प्रयास से कॉलेज को नैक द्वारा ‘ए ’ ग्रेड प्राप्त हुआ. नारी सशक्तिकरण की प्रतीक हमारी छात्राएं पूरे विश्व में कॉलेज की ब्रांड एंबेसडर हैं. इसके बाद कॉलेज का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया. मौके पर तीन प्रतिभाशाली छात्राओं को विशेष पुरस्कार व मेरिट स्कॉलरशिप के लिए चयनित छात्राओं को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का संचालन डॉ जरीन फातिमा, अद्वितीय सिन्हा, सृष्टि तिवारी व मरियम फातिमा ने किया. पुरस्कारों की घोषणा डॉ सहर रहमान व धन्यवाद ज्ञापन आलोक जॉन ने किया. मौके पर डॉ सिस्टर मरिया रीमा एसी, डॉ सिस्टर एम जिंसी एसी व अन्य मौजूद रहे. सभी धर्मों को समेटे हुए बिहार के गौरवशाली इतिहास काे दिखाया कार्यक्रम की शुरुआत ईश वंदना ‘…तू ही है मेरा आधार’ से हुई. इसके बाद ‘…हाथ जोड़ हम करें नमन’ ने लोगों को भावविभोर कर दिया. वहीं छात्राओं की पंजाबी लोक नृत्य भांगड़ा की प्रस्तुति ने सबमें जोश भर दिया. इसके बाद फैन डांस प्रस्तुति से छात्राओं ने दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया. वहीं, ‘सर्वजीयसुखमसर्वधर्म सुखम्’ नृत्य नाटिका ने खूब तालियां बटोरीं. इस प्रस्तुति के जरिये बिहार के गौरवशाली अतीत को दिखाने की कोशिश की गयी. साथ ही गंगा का उदाहरण देते हुए धर्म के अर्थ हो भी बताया. इसमें कहा कि धर्म से बड़ा कुछ नहीं, लेकिन इंसानियत को सबसे बड़ा बताया. मैं गंगा हूं.., एकता का संदेश हूं.., मैं गंगा हूं. इसके बाद भव्य ग्रैंड फिनाले वंदे मातरम की प्रस्तुति हुई.
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