पटना सिविल कोर्ट में ट्रांसफार्मर ब्लास्ट करते ही गिरा बड़ा आग का गोला और झुलस गये देवेंद्र, एक कैदी ने भागने का भी किया प्रयास

पटना सिविल कोर्ट में जोरदार धमाका हुआ और तेल के साथ एक बड़ा आग का गोला वकील देवेन्द्र के शरीर पर गिरा. इसके अलावा आग की अन्य लपटे उनके आसपास के लोगों पर भी गिर गया.

By Anand Shekhar | March 14, 2024 8:07 AM

शुभम कुमार, पटना. मैं फल खा रहा था. उनसे दूर से ही इशारों में बात की, वे मुस्कुराएं और मैं आगे बढ़ गया. देवेंद्र जी के आसपास कई लोग बैठे थे. मैंने पूछा भी पपीता खाइयेगा. उन्होंने कहा नहीं. इसके बाद मैं चाय पीने आगे कोर्ट से आगे बढ़ गया. चाय हाथ में लिया ही था कि एक जोरदार धमाका हुआ और तेल के साथ एक बड़ा आग का गोला देवेंद्र के शरीर पर गिरा. इसके अलावा आग की लपटे उनके आसपास के अन्य लोगों पर भी गिर गई.

यह देख अफरा-तफरी मच गयी. बाकी के लोग तो इधर-उधर भागकर किसी तरह अपने आग बुझाने की कोशिश करने लगे, लेकिन अधिक उम्र और दिव्यांग होने की वजह से वह वहां से भाग ही नहीं पाये और झुलस कर वहीं पर दम तोड़ दिया. आनन-फानन में बाकी को लोगों ने जल्दी-जल्दी पीएमसीएच में भर्ती कराया.

बस बच गयी छड़ी, जिनके सहारे आते थे देवेंद्र

पटना सिविल कोर्ट में ट्रांसफार्मर में हुए अगलगी की घटना में देवेंद्र प्रसाद की कुर्सी-टेबल, बैग, फाइल सभी सामान जल गये. केवल उनकी छड़ी बच गयी. इसी छड़ी का सहारा लेकर देवेंद्र प्रसाद कोर्ट परिसर में इधर-उधर घूम कर अपना काम निबटाते थे. काफी पहले उन्हें स्पाइनल समस्या हुई थी और चलने-फिरने में लाचार हो गये थे और छड़ी का प्रयोग करते थे.

चीफ जस्टिस ने किया घटना स्थल का मुआयना

सिविल कोर्ट परिसर में ट्रांसफार्मर में आग लगने की वजह से वकील की हुई मृत्यु तथा कई अन्य के घायल होने के बाद पटना हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस के विनोद चंद्रन, जस्टिस आशुतोष कुमार, जस्टिस पी बी बजन्थरी, जस्टिस विपुल एम पंचोली के साथ राज्य बार काउंसिल के चेयरमैन रमाकांत शर्मा ने बुधवार को घटना स्थल का मुआयना किया. उधर बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने मृत परिवार के परिजनों को 5 लाख रुपया और घायलों को 50 हजार रुपया मुआवजा देने की घोषणा की है.

पटना सिविल कोर्ट में ट्रांसफार्मर ब्लास्ट करते ही गिरा बड़ा आग का गोला और झुलस गये देवेंद्र, एक कैदी ने भागने का भी किया प्रयास 2

मिश्र ने राज्य सरकार से मृतक के परिजनों को 50 लाख रुपये और उनके आश्रित को कम से कम वर्ग 3 की सरकारी नौकरी देने की मांग भी राज्य सरकार से करते हुए घायलों को मुफ़्त चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने की भी मांग की है. मिश्र ने कहा कि यह घटना सरकारी लापरवाही का नतीजा है इसलिए ये सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि सरकार उक्त मामले में क्षतिपूर्ति करे.

राज्य बार काउंसिल के चेयरमैन रमाकांत शर्मा ने भी मृत के परिजन को एक लाख रुपए और घायलों को 50- 50 हजार रुपये देने की घोषणा की है. गुरुवार 14 मार्च को इस घटना की जानकारी मिलने पर स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन रामा कांत शर्मा ने उक्त मामले को लेकर एक अति आवश्यक बैठक आहूत की है जिसपर आगे की रूप रेखा पर गंभीरता पूर्वक विचार किया जायेगा.

एक कैदी ने भागने का किया प्रयास

घटना के दौरान कैदियों को हाजत से न्यायालय में ले जाया जा रहा था. अगलगी की घटना के बाद वहां अफरातफरी व भगदड़ का माहौल हो गया. इसका फायदा उठा कर कैदी सोनू शर्मा ने भागने का प्रयास किया. लेकिन उसे पकड़ लिया गया. साथ ही उसे भगाने में मदद करने के आरोप में दो अन्य को पकड़ा गया है.

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