पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्तर से विधि-व्यवस्था और शराबबंदी पर की गयी गहन समीक्षा बैठक के दूसरे दिन पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के साथ अवलोकन किया. डीजीपी एसके सिंघल समेत पुलिस के सभी आला अधिकारियों ने सभी जिलों और रेंज के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विधि-व्यवस्था को दुरुस्त करने और शराबबंदी को पूरी मुस्तैदी से लागू करने को लेकर सख्त निर्देश दिये. सुबह 11 बजे शुरू हुई यह बैठक शाम चार बजे तक चली.
इस दौरान सभी रेंज के आइजी व डीआइजी के अलावा सभी जिलों के एसपी से कहा कि वे रात्रि गश्ती में निकलें और पेट्रोलिंग कर रहे पुलिस वालों की समुचित तरीके से पड़ताल करें. अगर कोई पुलिस कर्मी अच्छा काम करता दिखे, तो उन्हें ईनाम दें और कोई लापरवाही करते या किसी तरह की गलती करते पकड़ा जाता है, तो उसे उचित दंड भी दें. पूरे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाये रखने के लिए सभी जिलों को पूरी मुस्तैदी से कार्रवाई करने के लिए कहा है. सभी रेंज आइजी, डीआइजी और एसपी को रात्रि गश्ती को मजबूत करने के अलावा विधि-व्यवस्था बनाये रखने के लिए सख्त मॉनीटरिंग करने का निर्देश दिया गया है.
इस दौरान यह बात सामने आयी कि शहरी क्षेत्रों में गश्ती में करीब ढाई हजार पुलिस कर्मी लगे हुए हैं. अगर किसी थाना क्षेत्र में कोई आपराधिक घटना होती है, तो घटना स्थल पर पुलिस कितने देर में पहुंचती है. इन दिनों अधिकांश पुलिस की गाड़ियों में जीपीएस लगी हुई है. ऐसे में जीपीएस की मदद से इस बात की जांच करें कि संबंधित थाने की गाड़ी कितनी देर में घटना स्थल पर पहुंचती है. अगर देर होती है, तो इसका कारण क्या है. लापरवाही पाये जाने पर पदाधिकारी पर कार्रवाई करें.
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शराबबंदी कानून को लागू करने में पिछले चार-पांच महीने में 19 जिलों का प्रदर्शन अच्छा नहीं पाया गया है. इन जिलों को प्रदर्शन सुधारने की सख्त हिदायत मुख्यालय के स्तर से दी गयी. इन जिलों का प्रदर्शन अलग-अलग चीजों में खराब है. कुछ जिलों की रफ्तार शराब की बरामदगी में धीमी है, तो कुछ की एफआइआर के मुताबिक गिरफ्तारी, सजा दिलाने में पीछे साबित हुए हैं.
इनमें भागलपुर, गोपालगंज, रोहतास, अररिया, मुजफ्फरपुर, सीवान, शिवहर, पूर्णिया, बेतिया, जमुई, शेखपुरा, मधुबनी, नवादा, जहानाबाद, पटना, नालंदा, मुंगेर, किशनगंज और कटिहार शामिल हैं. पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को जमीन विवाद से जुड़े मामलों का निपटारा थाना स्तर पर कराने का निर्देश दिया. थाना स्तर पर सप्ताह में एक दिन सीओ और थानाध्यक्ष की मौजूदगी में होने वाली बैठक को अनिवार्य रूप से कराने के लिए कहा.