पटना: धनरूआ के मोरियावां में हंगामा, उपद्रव व गोली लगने से रोहित चौधरी की मौत मामले में सर्किल इंस्पेक्टर श्रीराम कुमार व धनरूआ के थानेदार राजू कुमार हटा दिये जायेंगे. उन्हें लाइन हाजिर कर दिया जायेगा और उनकी जगह पर दूसरे पदाधिकारी की तैनाती की जायेगी.
सिटी एसपी पूर्वी जितेंद्र कुमार के नेतृत्व में गठित टीम ने अपनी रिपोर्ट डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह व एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा को सौंप दी है. सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में यह इंगित किया गया है कि सर्किल इंस्पेक्टर व धनरूआ थानाध्यक्ष ने सही तरीके से स्थिति को नियंत्रित नहीं किया, जिससे यह घटना घटित हो गयी. इधर, एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने भी बताया कि दोनों ही पदाधिकारियों ने सही तरीके से स्थिति को नहीं संभाला है, जिसके कारण उन्हें हटा दिया जायेगा.
धनरूआ मामले में दो अलग-अलग केस दर्ज किये गये हैं. मृत रोहित चौधरी के परिजनों ने सर्किल इंस्पेक्टर श्रीराम कुमार पर हत्या की प्राथमिकी (धारा 302) दर्ज करायी है. जांच में यह बात सामने आयी है कि पुलिस के साथ ही ग्रामीणों की ओर से भी फायरिंग की गयी थी. लेकिन, अगर रोहित को गोली पुलिस राइफल से लगी है, तो गैर इरादतन की धारा 304 लगा दी जायेगी, क्योंकि पुलिस ने आत्मरक्षा के लिए फायरिंग की थी.
इसके साथ ही सर्किल इंस्पेक्टर श्रीराम कुमार के बयान के आधार पर मुखिया सत्येंद्र साव, उनके दो बेटे व छह अन्य नामजद व सैकड़ों अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिसमें हत्या के प्रयास, सरकारी कार्य में बाधा आदि की धाराएं लगायी गयी हैं. इस मामले में सात नामजदों के साथ ही अन्य की गिरफ्तारी की जायेगी.
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रोहित समेत चार लोगों को गोली लगी थी. इन चारों को गोली कैसे लगी, इस पर जांच की जा रही है. साथ ही पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है, क्योंकि किसी भी घायल के शरीर से पिलेट नहीं मिली है, जिससे यह अंदाजा लगाया जा सके कि कौन-सी गोली लोगों को लगी थी. इधर, यह बात जांच में स्पष्ट हो चुकी है कि पुलिस की ओर से भी 10 राउंड फायरिंग हुई थी, इसलिए उन तमाम पुलिसकर्मियों की राइफलों को जब्त कर जांच करायी जायेगी, जिससे फायरिंग हुई थी.
Published By: Thakur Shaktilochan