12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जमीन सर्वे में ऑनलाइन आवेदन के लिए लिंक खुलने में हो रही परेशानी

राज्य में जमीन सर्वे शुरू हो चुका है, लेकिन ऑनलाइन आवेदन के लिए इससे संबंधित लिंक खुलने में परेशानी हो रही है. यदि लिंक खुल भी जाता है तो आवेदन के साथ कागजात अपलोड करने में भी बहुत समय लग रहा है.

संवाददाता, पटना राज्य में जमीन सर्वे शुरू हो चुका है, लेकिन ऑनलाइन आवेदन के लिए इससे संबंधित लिंक खुलने में परेशानी हो रही है. यदि लिंक खुल भी जाता है तो आवेदन के साथ कागजात अपलोड करने में भी बहुत समय लग रहा है. कई बार साइट खोलने पर मुश्किल से अपलोड हो रहा है. इस तरह की शिकायत राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आ रही है. ऐसे में लोगों को असुविधा हो रही है और विवश होकर आवेदन और कागजात लेकर दूरदराज इलाकों से चलकर शिविरों में जाकर जमा करना पड़ रहा है. हालांकि, ऑनलाइन वेबसाइट खुलने से संबंधित समस्या राजधानी पटना में कम है. सूत्रों के अनुसार जमीन सर्वे के लिए जरूरी कागजात इकट्ठा करने के लिए लोग राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से जारी पंजी-2 की रिपोर्ट भी ऑनलाइन देखना चाहते हैं. साथ ही भू-लगान जमा करना चाहते हैं तो इससे संबंधित वेबसाइटों के बारे में भी शिकायत मिल रही है कि वेबसाइट नहीं खुल रही है. इस संबंध में विभाग के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि कई बार लोग आवेदन के साथ अधिक संख्या में कागजात जमा कर रहे हैं. ऐसे में फाइल बड़ी हो जाने की वजह से उसे अपलोड करने में परेशानी है. यदि जमीन से संबंधित कागजात अधिक हो तो लोगों को अलग-अलग आवेदन करना चाहिए. ऐसे में फाइल छोटी रहेगी और आसानी से वेबसाइट पर अपलोड हो जायेगी. बॉक्स बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त के ये हैं प्रमुख छह चरण 1. किस्तवार (नक्शा या मानचित्र बनाने) से पहले का काम : भूमि सर्वेक्षण से संबंधित अधिसूचना और घोषणा. रैयत द्वारा अपनी भूमि का ब्यौरा प्रपत्र-2 में सौंपना. अमीन द्वारा पूर्व के खतियान का सार तैयार करना. 2. किस्तवार : यह प्रक्रिया मुख्यतः नक्शा या मानचित्र निर्माण और इससे संबंधित कार्यों से जुड़ी है. 3. खानापुरी : नक्शा या मानचित्र के खेसरों के अनुसार उनके स्वामित्व का निर्धारण और सत्यापन. 4. सुनवाई : किस्तवार और खानापुरी के दौरान तैयार मानचित्र और अधिकार अभिलेख के प्रारूप से संबंधित रैयतों की आपत्ति या दावों की सुनवाई और उनका निष्पादन. 5. अंतिम अधिकार अभिलेख का प्रकाशन और लगान निर्धारण: किस्तवार, खानापुरी और सुनवाई की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अंतिम अधिकार अभिलेख का प्रकाशन और रैयतों के साथ लगान की बंदोबस्ती 6. अंतिम अधिकार अभिलेख के बाद की सुनवाई : अंतिम अधिकार अभिलेख के प्रकाशन के बाद प्रात आपत्तियों की सक्षम प्राधिकार द्वारा सुनवाई और निष्पादन, साथ ही विभिन्न स्तरों पर उनको उपलब्ध कराया जाना.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें