बिहार में डिजिटल अरेस्ट के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. मनी लॉन्ड्रिंग केस का डर दिखाकर पटना के दो बुजुर्गों से ठगी का मामला सामने आया है. दोनों को डिजिटल अरेस्ट करके 50 लाख रुपए से अधिक की ठगी की गयी. दोनों को करीब 24 घंटे तक बंधक बनाकर रखा गया. फर्जी अधिकारी बनकर उन्हें साइबर शातिरों ने फोन किया और डरा-धमका कर दोनों को चूना लगाया.
बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट किया, 24 घंटे तक बंधक रखा
पटना में दो बुजुर्गों को 24 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया. पीड़ित पाटलिपुत्र निवासी रिटायर्ड कर्मी नरेंद्र कुमार राय और पटेल नगर निवासी 64 वर्षीय अखिलेश कुमार हैं. नरेंद्र कुमार राय को ट्राई (TRAI) का अधिकारी बनकर साइबर ठग ने फोन किया. उन्हें बताया गया कि मुंबई के थाने में आपके मोबाइल नंबर पर केस दर्ज है और आपका सीम बंद किया जा रहा है. इसके बाद एक दूसरा शातिर फोन पर आता है और मनी लॉन्ड्रिंग में बुजुर्ग के आधार कार्ड के इस्तेमाल होने की बात कहकर डराता है. बुजुर्ग के फोन पर फर्जी अरेस्ट वारंट की डिजिटल कॉपी भी भेज दिया. जिसके बाद 24 घंटे तक बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट करके रखा गया.
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44.5 लाख रुपए ट्रांसफर करवा लिए
साइबर शातिरों ने बुजुर्ग के बैंक खाते की पूरी जानकारी ले ली. उसके बाद आरबीआई के खाते में पूरे पैसे ट्रांसफर करने की बात कहकर उनसे 44.50 लाख रुपए ट्रांसफर करा लिए. कहा गया था कि ये पैसे जांच के बाद वापस कर दिए जाएंगे. इसके बाद साइबर शातिरों ने फोन बंद कर लिया.
एक और बुजुर्ग को बनाया शिकार
वहीं दूसरी घटना पटेल नगर के गोकुल पथ निवासी अखिलेश कुमार के साथ हुई जिन्हें मुंबई पुलिस का अधिकारी बनकर साइबर ठग ने फोन किया. ठग ने फोन करके कहा कि उनके मोबाइल से मनी लॉन्ड्रिंग हुई है. अखिलेश कुमार को भी व्हाट्सएप पर अरेस्ट वारंट भेज दिया. उसके बाद ऑनलाइन बेल का झांसा देकर 8 लाख रुपए ठग लिए.