Digital India: आज भी मोबाइल नेटवर्क से दूर हैं बिहार के 173 गांव, 200 गांवों को है 4जी का अब भी इंतजार
Digital India: मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध होने के बाद बिहार के इन गांव के पंचायत सरकार भवन में इंटरनेट सुविधा बहाल होनी है. इन सेवाओं के साथ आरटीपीएस सुविधा के लिए उन्हें कॉमन फैसिलिटेशन सेंटर पर या निजी कैफे पर निर्भर रहना पड़ता है.
Digital India: पटना. बिहार में भारत नेट प्रोजेक्ट का बुरा हाल है. बिहार के 173 गांवों को आज तक मोबाइल नेटवर्क से नहीं जोड़ा जा सका है. इन गांवों में आज भी किसी भी मोबाइल कंपनी का नेटवर्क काम नहीं करता है. इतना ही नहीं बिहार में कुल 44888 गांव में से 234 गांव ऐसे हैं, जहां फोर जी नेटवर्क नहीं पहुंचा है. केंद्र सरकार की भारत नेट प्रोजेक्ट के तहत हुई समीक्षा में यह बात सामने आई है. केंद्र सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इसपर गंभीर चिंता जताई है. सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने बिहार के मुख्य सचिव को इसकी रिपोर्ट सौंपी है. इसमें बताया गया है कि 173 गांव में मोबाइल नेटवर्क न होने के कारण वहां पंचायत सरकार भवन में इंटरनेट सुविधा बहाल करने में परेशानी आ रही है.
ग्राम पंचायत में नहीं बहाल हो रही सरकारी सुविधाएं
मंत्रालय ने बिहार के सूचना एवं तकनीकी विभाग से पूछा है कि इन गांवों में मोबाइल नेटवर्क पहुंचाने के लिए कितने मोबाइल टावर खड़े किए जाने की आवाश्यकता है, इसका आकलन कर बताएं. इसके साथ ही उन्होंने राज्य सरकार के सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग से कहा है कि वे सर्वे कर बताएं कि कुल कितने गांव में फोर जी नेटवर्क काम नहीं कर रहे हैं. गांवों में संचार सुविधा न होने का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध होने के बाद गांव के पंचायत सरकार भवन में इंटरनेट सुविधा बहाल होनी है. इससे ग्रामीण सरकारी योजनाओं के लिए आावेदन कर सकेंगे. इसके अलावा जमीन के नकल, आय, जाति प्रमाण पत्र का आवेदन भी पंचायत सरकार भवन से कर सकेंगे. लेकिन, इंटरनेट सुविधा के अभाव मेंइसका लाभ इन गांवों के लोगों को नहीं मिल पा रहा है.
संचार उपकरणों की चोरी के मामले में बिहार गंभीर नहीं
मुख्य सचिव को भेजी रिपोर्ट में संचार मंत्रालय ने बिहार में संचार उपकरणों की चोरी पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की है. मंत्रालय ने बताया है कि पूरे बिहार में संचार उपकरणों की चोरी की अब तक कुल 355 घटनाएं हुई हैं. इनमें से 307 मामले में ही स्थानीय पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. 19 मामले पुलिस की जनरल डायरी में ही दर्ज किए गए हैं. इसके अलावा 29 मामले ऐसे हैं जिसमें स्थानीय पुलिस ने एफआईआर तक दर्ज नहीं की है. इस मामले में मंत्रालय ने पुलिस महानिदेशक को हस्तक्षेप करने और संचार उपकरणों की चोरी के मामलों को गंभीरता से लेने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि इन मामलों में पुलिस को कार्रवाई तेज करने का अपने स्तर से निर्देश दें.
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