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Digital Fraud : दिवाली में कैशबैक के नाम पर हो रही ऑनलाइन ठगी, जानें कहां कर सकते हैं शिकायत

अकसर डिजिटल फ्रॉड या ठगी के शिकार होने वाले पीड़ित को समझ नहीं आता कि वह क्या करें? ऐसे में लोगों के जीवन भर की कमाई उनके खाते से साफ हो जा रही है. ऐसे में अब आपकी सुरक्षा के लिए गृह विभाग ने पहल शुरू कर दी है

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 19, 2022 3:46 PM
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आज के दौड़ में सब कुछ डिजिटल हो गया है. डिजिटल माध्यमों ने लोगों को सुविधा तो दी है परंतु सजगता से इसका इस्तेमाल नहीं करने पर यह लोगों के लिए मुसीबत भी साबित हो रहा है. आए दिन लोग साइबर ठगी के शिकार हो रहे हैं. यदि आप डिजिटल ट्रांजेक्शन करते हैं. क्रेडिट, डेबिट कार्ड का नंबर, सीवीवी, ओटीपी पूछ कर ठगी करने वाले जालसाजों के निशाने पर हैं.

कैशबैक के नाम पर हो रही ठगी 

साइबर ठग ने अगर आपके खाते में भी सेंध लगा दी है तो आपको तुरंत ही उचित कदम उठाते हुए पुलिस में शिकायत करनी चाहिए मुमकिन है आपका पूरा रिफंड मिल जाये. दरअसल, फेस्टिवल सीजन में कभी कैशबैक तो कभी केवाइसी के नाम पर यूजर्स के अकाउंट साफ हो जाते हैं. क्योंकि आपकी जरा-सी चूक एक बड़े नुकसान की वजह बन जाती है.

गृह विभाग ने शुरू की पहल 

अकसर डिजिटल फ्रॉड या ठगी के शिकार होने वाले पीड़ित को समझ नहीं आता कि वह क्या करें? ऐसे में लोगों के जीवन भर की कमाई उनके खाते से साफ हो जा रही है. ऐसे में अब आपकी सुरक्षा के लिए गृह विभाग ने पहल शुरू कर दी है, जिससे ग्राहकों को सहयोग मिल सके.

गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम पोर्टल पर करें शिकायत

साइबर ठगी होने की स्थिति में आपको तुरंत 1930 नंबर पर कॉल करना चाहिए. शिकायत दर्ज करने के बाद आपके पैसे के दोबारा मिलने की संभावना काफी बढ़ जाती है. यह नंबर गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम पोर्टल का सेंट्रलाइज नंबर है. जो पूरे देशभर में लागू है. साथ ही गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम पोर्टल cybercrime.gov.in पर कंप्लेन करें.

अपराध का तरीका कर लिया अपडेट: साइबर सेल

साइबर सेल के सीनियर अफसर ने बताया, एटीएम ठगी से लोग सतर्क हुए, तो जालसाजों ने अपराध के तरीके को अपडेट कर लिया है. पिछले कुछ सालों से डिजिटल वॉलेट की सैकड़ों कंप्लेन मिली है. ये ठग पहले यूजर्स को उसके मोबाइल फोन पर एक एप डाउनलोड कराते हैं. इसके जरिये अकाउंट को लिंक कराने से लेकर स्टेप बाई स्टेप पेमेंट के प्रोसेस तक को भी पूरा कराते हैं. फिर चालाकी से अपनी यूपीआइ आइडी को पैकेज का कूपन बताकर मोबाइल में सेव करा देता हैं, फिर पैसा ट्रांसफर हो जाता है.

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