पटना हाईकोर्ट का अहम फैसला, अब फार्मेसी में डिप्लोमाधारी ही फार्मेसिस्ट पद के योग्य
पटना हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति पीबी बजेन्त्री और न्यायमूर्ति अरुण कुमार झा की खंडपीठ ने राज्य सरकार एवं फार्मेसी में डिप्लोमाधारी छात्र अरविंद कुमार की ओर से दायर अपील पर सुनवाई के बाद यह अहम फैसला दिया.
पटना हाइकोर्ट ने एक अहम फैसला देते हुए कहा कि डिप्लोमाधारी ही फार्मासिस्ट पद के योग्य हैं. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बी फर्मा व एम फर्मा के डिग्रीधारी इस पद के योग्य नहीं हैं. कोर्ट ने बिहार फार्मेसिस्ट कैडर नियमावली 2014 के नियम 6 का हवाला देते हुए कहा कि फार्मासिस्ट पद के लिए जीव विज्ञान व गणित विषय में इंटर पास छात्र तीन पार्ट वाले फार्मेसी में डिप्लोमा किये हो तो ही फार्मासिस्ट पद के लिए योग्य होंगे. कोर्ट ने कहा कि कानून के तहत जिन छात्रों ने बी फर्मा व एम फर्मा कोर्स में डिग्री ली हैं. वे इस पद के लिए योग्य नहीं है.
छात्र की ओर से दायर अपील पर सुनवाई के बाद दिया गया फैसला
न्यायमूर्ति पीबी बजेन्त्री और न्यायमूर्ति अरुण कुमार झा की खंडपीठ ने राज्य सरकार एवं फार्मेसी में डिप्लोमाधारी छात्र अरविंद कुमार की ओर से दायर अपील पर सुनवाई के बाद यह अहम फैसला दिया. डिप्लोमाधारी छात्र की ओर से वरीय अधिवक्ता पीके शाही और अधिवक्ता शशि भूषण सिंह ने पक्ष रखा.
सॉफ्टवेयर में बदलाव कर छात्रों का आवेदन तुरंत स्वीकार करने का निर्देश
गौरतलब है कि हाइकोर्ट के एकलपीठ ने बी फर्मा व एम फर्मा के डिग्रीधारी छात्रों को इस पद के योग्य करार देते हुए कहा था कि इस पद के लिए सॉफ्टवेयर में बदलाव कर छात्रों का आवेदन तुरंत स्वीकार करें. एकलपीठ के इसी आदेश की वैधता को राज्य सरकार व डिप्लोमाधारी छात्र ने अपील दायर कर चुनौती दी थी. लंबी सुनवाई के बाद खंडपीठ ने एकलपीठ के फैसला को निरस्त करते हुए यह आदेश दिया.
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बीफार्मा की डिग्री चार साल की होती है
मालूम हो कि डिप्लोमा इन फार्मेसी की डिग्री दो साल की होती है, जबकि बीफार्मा की डिग्री चार साल की होती है. इधर बी फार्म छात्रों का दावा है कि उन्होंने पटना हाइकोर्ट में बिहार फार्मासिस्ट संवर्ग नियमावली 2014 को चुनौती दी है. इस पर अभी फैसला आना बाकी है.