राज्य में जन्म प्रमाणपत्र की तर्ज पर अस्पतालों में बनेगा विकलांगता प्रमाणपत्र
बिहार में जन्मजात दिव्यांगजनों का प्रमाणपत्र सरकारी और निजी अस्पतालों में बनाया जायेगा. जिस तरह से हर बच्चे का जन्म के बाद अस्पतालों में रिकाॅर्ड रहता है.
संवाददाता, पटना बिहार में जन्मजात दिव्यांगजनों का प्रमाणपत्र सरकारी और निजी अस्पतालों में बनाया जायेगा. जिस तरह से हर बच्चे का जन्म के बाद अस्पतालों में रिकाॅर्ड रहता है. इसी तरह से दिव्यांगजनों का भी अस्पतालों में रहेगा. हाल के दिनों में समाज कल्याण विभाग में इसको लेकर काम शुरू किया गया है. इसके बाद जन्मजात बच्चों को दिव्यांगता प्रमाणपत्र बनाने में राहत होगी. जनवरी से इसकी शुरुआत होगी. यह होगा फायदा जन्मजात दिव्यांगजनों को अभी अस्पताल से किसी प्रकार का प्रमाणपत्र नहीं मिलता है. जब बच्चा थोड़ा बड़ा होता है, तो उसके माता-पिता को विकलांगता प्रमाणपत्र बनाने के लिए अस्पतालों का चक्कर लगाना पड़ता है. फिर भी अधिकतर का सही विकलांगता प्रमाणपत्र नहीं मिल पाता है, लेकिन इस नये प्रस्ताव की स्वीकृति के वैसे बच्चे, जो जन्म से विकलांग हैं , उनका सही विकलांगता प्रमाणपत्र अस्पताल से मिल जायेगा. वहीं, उन्हें दिव्यांगता संबंधी उपकरण और सभी योजनाओं का लाभ भी जन्म से मिलने लगेगा. सरकार के पास भी होगा सही आंकड़ा इस नये प्रस्ताव के बाद सरकार के पास दिव्यांगजनों का सही आंकड़ा होगा और किसी भी आपदा के वक्त उनको राहत मिले.इसके लिए काम करने में विभाग को सहूलियत होगी.कोरोना के दौरान दिव्यांगजनों की सही पहचान नहीं होने के कारण राहत पहुंचाने में विभाग को काफी परेशानी हुई थी.
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