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एक बीमारी ने जीवन के मायने बदल दिये : कुलपति

कुलपति प्रो जीसीआर जायसवाल ने कहा कि पूरा विश्व कोरोना जैसी महामारी के दंश को झेलने के लिए अभिशप्त है. इस महामारी ने जीवन के, समाज के, संबंधों के, संस्थानों के, अध्ययन-अध्यापन आदि के मायने बदल दिए हैं.

पटना : पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के द्वारा ”पोस्ट कोविड-19: अकादमी के बदलते परिदृश्य” विषय पर ”टूआर्ड्स बेटर इंडिया” ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन गुरुवार को किया गया. कार्यक्रम में बोलते हुए पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो जीसीआर जायसवाल ने कहा कि पूरा विश्व कोरोना जैसी महामारी के दंश को झेलने के लिए अभिशप्त है. इस महामारी ने जीवन के, समाज के, संबंधों के, संस्थानों के, अध्ययन-अध्यापन आदि के मायने बदल दिए हैं.

उन्होंने कहा कि अकादमिक क्षेत्र में डिजिटल पहल की महत्ता बढ़ जायेगी. ऑनलाइन अध्ययन-अध्यापन का एक महत्वपूर्ण दौर शुरू हो जायेगा. शोध एवं अंतर्विषयी शोध कार्य का दायरा बहुत व्यापक हो जायेगा. ”वसुधैव कुटुंबकम्”, ”योग: कर्मसु कौशलम्” का समय अपने नये परिवेश के साथ मौजूद होगा. मूल्य आधारित शिक्षा पद्धति की वकालत करते हुए कुलपति ने कहा कि आज पूरे विश्व में जो महामारी फैली हुई है उसके पीछे कहीं न कहीं प्रकृति से छेड़छाड़ है. हवा स्वतः साफ हो गई. गंगा अपने आप निर्मल हो गई.

प्रदूषण नियंत्रण में आ गया. इसका मतलब उन्होंने बताया कि अतीत के बेहतरीन मूल्यों के साथ वर्तमान के अनुसंधान एवं नवाचारों का समतुल्य निर्वाह जब तक नहीं होगा, तब तक इस तरह की विभीषिकाएं पैदा होती रहेंगी और मानवता के ऊपर संकट के बादल मंडराते रहेंगे. इसलिए नये अकादमिक क्षितिज की वातायनी जब खुले तो एक बेहतर सामाजिक, सांस्कृतिक मूल्यों के साथ जीवन को सुरक्षित एवं संरक्षित करते हुए क्योंकि परिवर्तन प्रकृति का शाश्वत नियम है.

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